Haridwar: अयोध्या में सोमवार को राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा समारोह के मौके पर उत्तराखंड के मंदिरों में विशेष पूजा अर्चना की गयी और राम भजनों की गूंज सुनाई देती रही जबकि विभिन्न संगठनों ने शोभायात्रा निकाली तथा भंडारे आयोजित कर अपना उल्लास प्रकट किया . हरिद्वार की हर की पैड़ी में रामभक्तों का ताता लगा रहा. शाम को दीपोत्सव मनाया गया. इसमें गंगा तट पर 1 लाख दीए जलाए गए. इससे गंगा तट की खूबसूरती देखने लायक रही
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपने दिन की शुरुआत यहां अपने आधिकारिक आवास स्थित देवालय में रामचरितमानस की चौपाइयों के पाठ से की । इसके बाद उन्होंने आवास परिसर में स्थित गौशाला पहुंचकर गौ माता की सेवा भी की।
इसके बाद मुख्यमंत्री ने टपकेश्वर महादेव मंदिर में सपरिवार पूजा-अर्चना और यज्ञ किया और वहीं से अयोध्या में प्रभु श्रीराम के बाल रूप विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा के बाद मुख्यमंत्री ने टपकेश्वर में भक्तजनों को प्रसाद वितरण भी किया।
मुख्यमंत्री ने कहा, “प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कुशल नेतृत्व में राम मंदिर के रुप में सनातन संस्कृति के वैभव की पुनर्स्थापना का साक्षी बनना हम सभी के लिए परम सौभाग्य का क्षण है।”
उन्होंने सोशल मीडिया मंच 'एक्स' पर भी लिखा, ‘‘500 वर्षों के लंबे संघर्ष व अनेक रामभक्तों के बलिदान के बाद इस भव्य व दिव्य महोत्सव का साक्षी बनकर अत्यंत प्रफुल्लित व हर्षित हूं । राम जन-जन के हैं, राम हर कण में हैं। इस पावन अवसर पर चहुंदिशि आनंद, उत्साह तथा उल्लास है, संपूर्ण जगत में एक अलग ही तरंग और उमंग है।’’
मुख्यमंत्री ने सभी प्रदेशवासियों से अपने घरों, सामाजिक स्थानों व धार्मिक स्थलों को साफ सूथरा रखने तथा इस पावन अवसर को पर्व की भांति मनाने का आह्वान करते हुए सभी से भावी पीढ़ी को इस संघर्ष और प्रभु राम के जीवन से परिचित कराने की अपील भी की ।
उन्होंने इस अवसर पर भगवान राम से पूरे विश्व में सभी सनातनियों के कल्याण की कामना भी की।
अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के अवसर पर यहां राजभवन ‘प्रेक्षागृह’ में भी राम भजन संध्या आयोजित की गई।
देहरादून में परेड ग्राउंड सहित विभिन्न क्षेत्रों में रामलला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह, पूजा व आरती का सीधा प्रसारण एलईडी स्क्रीन के माध्यम से किया गया ।
जिला प्रशासन द्वारा सांस्कृतिक उत्सव को भव्य रूप देने के लिए सभी सरकारी भवनों एवं ऐतिहासिक इमारतों को प्रकाशमान किया गया। साथ ही शहर और बाजारों को भी प्रकाशित किया गया ।
अनेक लोगों ने अपने घरों में दीए और मोमबत्तियां जलाकर तथा पटाखे फोड़कर रामलला के मंदिर में विराजने की खुशी में दिवाली मनाई.
Ayodhya: रामलला की 'प्राण प्रतिष्ठा' पर भावुक हुए अयोध्यावासी