US: भारत और अमेरिका भारतीय सशस्त्र बलों के लिए ‘31 एमक्यू-9बी प्रीडेटर लॉन्ग एंड्योरेंस’ ड्रोन की आपूर्ति के लिए तीन अरब अमेरिकी डॉलर के सौदे पर बातचीत जारी रखे हुए हैं और अमेरिकी कांग्रेस जल्द ही इस पर विचार करने के लिए तैयार है। इस मामले से जुड़े लोगों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि ऐसी आपूर्ति के लिए अमेरिका की अपनी आंतरिक प्रक्रियाएं हैं और नई दिल्ली इसका सम्मान करता है।
उन्होंने प्रेस वार्ता में कहा, ‘‘यह विशेष मामला अमेरिकी पक्ष से संबंधित है। उनकी अपनी आंतरिक प्रक्रियाएं हैं और हम उसका सम्मान करते हैं।’’
ऐसी जानकारी है कि अमेरिकी विदेश विभाग ने पहले ही अमेरिकी कांग्रेस में कई प्रमुख अमेरिकी सांसदों को इस सौदे के बारे में अवगत करा दिया है और ऐसे संकेत मिले हैं कि इसमें कोई भी बाधा आने की संभावना नहीं है।
सूत्रों ने बताया कि बाइडन प्रशासन जल्द ही भारत को ड्रोन की आपूर्ति करने की अपनी योजना के बारे में अमेरिकी कांग्रेस को सूचित कर सकता है और यह अगले कुछ दिनों में हो सकता है।
पिछले साल जून में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अमेरिका यात्रा के दौरान ड्रोन सौदे की घोषणा की गई थी।
विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने कहा कि ड्रोन सौदा द्विपक्षीय रणनीतिक प्रौद्योगिकी सहयोग को आगे बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण है।
उन्होंने कहा, ‘‘बेशक, अमेरिकी हथियार हस्तांतरण प्रक्रिया में कांग्रेस एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। हम अपनी औपचारिक अधिसूचना से पहले नियमित रूप से विदेशी मामलों की समितियों पर कांग्रेस के सदस्यों के साथ परामर्श करते हैं ताकि हम उनके प्रश्नों का समाधान कर सकें, लेकिन औपचारिक अधिसूचना कब जारी होगी, इस संबंध में कोई टिप्पणी नहीं करुंगा।’’
उन्होंने कहा, ‘‘यह एक प्रस्तावित सौदा है जिसकी घोषणा पिछले साल प्रधानमंत्री मोदी की यात्रा के दौरान की गई थी। हमारा मानना है कि यह भारत के साथ रणनीतिक प्रौद्योगिकी सहयोग और क्षेत्र में सैन्य सहयोग को आगे बढ़ाने की दिशा में काफी महत्वपूर्ण है
Jharkhand : शपथ ग्रहण का समय नहीं दे रहे राज्यपाल- चंपई सोरेन