सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने ज्ञानवापी मस्जिद विवाद (Gyanvapi Mosque Case) मामले को वाराणसी (Varanasi) की जिला अदालत (District Court) ट्रांसफर कर दिया है. सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि हम जिला जज पर सवाल नहीं उठा सकते, उनके पास 25 सालों का अनुभव है. इसके साथ ही कोर्ट ने 'शिवलिंग' मिलने वाले स्थान को सील रखने, मुस्लिमों को सीमित संख्या में नमाज पढ़ने देने और अलग स्थान पर वजू करने के अपने अंतरिम आदेश को भी जारी रखा है.
आठ हफ्ते तक जारी रहेगा SC का अंतरिम आदेश
कोर्ट के मुताबिक यह आदेश 8 सप्ताह यानी 17 जुलाई तक लागू रहेगा. उसके बाद ही इस मामले की सुनवाई शीर्ष अदालत में होगी. बेंच ने सुझाव दिया कि इस मामले में जटिलता और संवेदनशीलता शामिल है. इसलिए सभी पक्षों के "हितों की रक्षा" के लिए इसे एक जिला न्यायाधीश द्वारा सुना जाए. जस्टिस चंद्रचूड़ ने सुनवाई के दौरान सवाल किया कि मस्जिद में आज नमाज की अनुमति मिली या नहीं? मुस्लिम पक्ष ने कहा, वजुखाना सील है. 500 साल की स्थिति को बदल दिया गया. कोर्ट ने कहा, हम आपके पक्ष में ही सुझाव रख रहे हैं. अगर 1991 के कानून के तहत केस की वैधता तय की जायेगी फिर बहुत मुश्किल होगी.
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शिवलिंग को संरक्षित रखने का आदेश कायम
हालांकि कोर्ट ने साफ किया कि मस्जिद परिसर के तालाब के बीच में कथित शिवलिंग को संरक्षित रखने का आदेश कायम रहेगा, लेकिन इससे मस्जिद में नमाज पढ़ने के मुस्लिमों के अधिकार में कोई खलल नहीं पड़ना चाहिए. सुप्रीम कोर्ट ने बनारस के डीएम को मस्जिद में वजू के लिए पर्याप्त इंतजाम करने का आदेश दिया. मामले की अगली सुनवाई जुलाई के दूसरे हफ्ते में होगी.