हिजाब विवाद पर कर्नाटक हाई कोर्ट (Hijab Hearing Karnataka High Court) में चौथे दिन भी सुनवाई हुई. गुरुवार को दोपहर 2.30 बजे से फिर मामले की सुनवाई शुरू होगी. याचिकाकर्ताओं की ओर से वकील रवि कुमार वर्मा ने कहा कि शिक्षा अधिनियम के अनुसार अगर हिजाब पर प्रतिबंध लगाने के लिए कोई नियम लाया जाना है, तो माता-पिता को इसके बारे में कम से कम एक साल पहले सूचित करना जरूरी है. अब आपको बतातें हैं बुधवार को हुई सुनवाई में मुस्लिम छात्राओं का पक्ष रख रहे वकील रवि कुमार ने क्या कहा.
सिर्फ हिजाब पर ही सवाल क्यों?
- सरकार अकेले हिजाब को ही क्यों मुद्दा बना रही?
- हिंदू लड़कियां चूड़ी, ईसाई लड़कियां क्रॉस पहनती हैं
- आखिर उन्हें स्कूल कॉलेज से बाहर क्यों नहीं भेजा जाता?
- सरकारी आदेश में अन्य धार्मिक प्रतीक की बात नहीं
- मुस्लिम लड़कियों से भेदभाव पूरी तरह मजहब पर आधारित
- हिजाब पर बैन लगाना था तो एक साल पहले नोटिस देते
- किस नियम के तहत छात्रों को कक्षा से बाहर रखा गया?
बता दें कि हिजाब का विवाद उडुपी के महाविद्यालय में सबसे पहले तब शुरू हुआ था जब 6 लड़कियां पिछले साल दिसंबर में हिजाब पहनकर क्लास में पहुंचीं थीं. इसके जवाब में कॉलेज में कुछ लोग भगवा गमछा पहनकर पहुंच गए थे.