History 24th June: इतिहास में आज का दिन भारत की वीरांगना महारानी दुर्गावती (Maharani Durgawati) को समर्पित है. आज ही के दिन साल 1564 में रानी दुर्गावती मुगलों (Mughals) से लड़ते हुए शहीद हो गई थीं. उनकी शहादत के दिन को ‘बलिदान दिवस’ (Balidan Diwas) के तौर पर मनाया जाता है. दुर्गावती को बचपन से ही तीरंदाजी, तलवारबाजी और घुड़सवारी का शौक था. 1542 में 18 साल की उम्र में उनकी शादी गोंडवाना के दलपत शाह से कर दी गई.
कहा जाता है कि 1562 में अकबर (Akbar) ने मालवा को मुगल साम्राज्य में मिला लिया और रीवा पर आसफ खान का कब्जा हो गया. मालवा और रीवा के बाद मुगलों ने गोंडवाना को भी अपने साम्राज्य में मिलाने की कोशिश की. साल 1564 में आसफ खान ने गोंडवाना पर हमला किया.
रानी अपने हाथी पर सवार होकर युद्ध के लिए निकलीं. उनका बेटा वीर नारायण भी उनके साथ था. युद्ध में रानी को शरीर में कई तीर लगे और वो गंभीर रूप से घायल हो गईं. जब उन्हें लगने लगा था कि अब वह जीवित नहीं रह पाएंगी, तब रानी ने खुद ही अपनी तलवार सीने में मार ली और शहीद हो गईं.
इतिहास का दूसरा अंश पंडित श्रद्धाराम शर्मा या श्रद्धाराम फिल्लौरी से जुड़ा है. `ओम जय जगदीश हरे' जैसी श्रद्धा से भरी अमर आरती (OM Jai Jagdish Hare) की रचना करने वाले पंडित श्रद्धाराम शर्मा का 24 जून 1881 को लाहौर में निधन हो गया. 1870 में उन्होंने 30 वर्ष की उम्र में इस आरती की रचना की थी.
सनातन धर्म प्रचारक, ज्योतिषी, स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, संगीतज्ञ और हिन्दी व पंजाबी के प्रसिद्ध साहित्यकार पंडित श्रद्धाराम शर्मा ने अपनी विलक्षण प्रतिभा के बल पर पंजाब में नवीन सामाजिक चेतना एवं धार्मिक उत्साह जगाया. यही चेतना व उत्साह आगे चलकर आर्य समाज के लिये उर्वर भूमि के रूप में विकसित हुआ. उन्होंने धार्मिक कथाओं और आख्यानों का उद्धरण देते हुए अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ जनमानस के बीच वातावरण तैयार किया.
इसके अलावा क्रिकेट और टेनिस के कुछ रेकॉर्ड भी 24 जून के दिन बने. साल 1974 में वह 24 जून का ही दिन था, जब भारतीय टीम इंग्लैंड के खिलाफ लॉडर्स टेस्ट मैच की दूसरी पारी में मात्र 42 रन पर सिमट गई थी. इतने बरस गुजरे पर टेस्ट क्रिकेट में भारतीय टीम के न्यूनतम स्कोर का यह रेकार्ड आज भी कायम है. इंग्लैंड ने ये मैच एक इनिंग और 285 रनों से जीत लिया. यह टेस्ट में भारत का अब तक का दूसरा सबसे कम स्कोर है. साल 2020 में ऑस्ट्रेलिया के सामने भारतीय टीम 36 रन ही बना सकी थी.
दूसरी तरफ 24 जून 2010 को विंबलडन में टेनिस इतिहास का सबसे लंबा मैच 11 घंटे और 5 मिनट तक चला था. अमेरिका के जॉन इस्नर और फ्रांस के निकोलस माहुत के बीच इस मुकाबले को विंबलडन के इतिहास में सबसे ज्यादा देर तक खेले जाने वाले मैच के तौर पर याद किया जाता है.
24 जून के दिन को इतिहास में इन महत्वपूर्ण घटनाओं की वजह से भी याद किया जाता है…
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