G-20 समिट के दो दिनों के डिनर निमंत्रण पत्र पर President of India की जगह President of Bharat लिखे जाने पर India बनाम भारत का मसला काफी गरम है. ऐसे में जानते हैं कि भारत का नाम कब और कैसे पड़ा?
भारत के पौराणिक युग की बात करें तो महाराज दुष्यंत और शकुंतला के पुत्र और प्रतापी राजा भरत नाम पर देश का नाम भारत पड़ा. वहीं भारत के इंडिया कहने के पीछे सिंधु नदी का बड़ा रोल है. दरअसल सिंधु नदी को अंग्रेजी में इंडस कहा जाता है. ये शब्द लैटिन भाषा से आया है. उस वक्त सिंधु के किनारे बसे लोगों को इंडो कहते थे जो बाद में इंडस कहलाया. ये बाद में इंडस से इंडिया हो गया. कुछ ऐसा ही हिन्दुस्तान कहे जाने की कहानी है
इतिहासकारों के मुताबिक मध्यकाल में जब भारत पर तुर्क और ईरानी आए तो उन्होंने सिंधुघाटी में प्रवेश किया. वे “स” का उच्चारण “ह” किया करते थे और इस तरह सिंधु को उन्होंने हिंदु के रूप में पुकारा और आगे इस राष्ट्र का नाम हिंदुस्तान हो गया। यहां तर्क यही था कि भारत में रहने रहने वाले को उन्होंने हिंदू कहा और इस स्थान को हिंदुस्थान कहा.
संविधान सभा में भी भारत के नामकरण के दौरान कुछ लोगों ने भारतवर्ष रखने की मांग रखी तो कुछ सदस्यों ने हिन्दुस्तान कहा. इस दौरान भारत रखने पर भी लोग अड़े लेकिन संविधान सभा ने इंडिया के नाम पर मुहर लगा दी और इस दौरान संविधान निर्माता बाबा भीमराव आंबेडकर ने कहा कि इंडिया नाम एक अंतरराष्ट्रीय नाम है जिसे दुनियाभर में जाना जाता है और ये अलग अलग भाषाओं और संस्कृतियों को भी दर्शाता है.
सिंधु सभ्यता के चलते भारत की सिंधु घाटी की सभ्यता को एक और पुरानी सभ्यता युनान जो आज का ग्रीक है उसकी में इंडो या इंडस का घाटी की सभ्यता कहा जाता था ऐसे में इंडस शब्द लैटिन भाषा में पहुंचा तो यह इंडिया हो गया.
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