Baat Apke Kaam Ki: हम अपनी पूरी जिंदगी की जमापूंजी इकट्ठा कर या कभी-कभी लोन (Loan) लेकर अपने लिए अचल संपत्तियां (Property) जैसे जमीन (Land), फ्लैट (Flat) या कृषि भूमि (Agricultural Land) खरीदते हैं, जिससे हमारे रहने के लिए छत तैयार हो सके या फिर भविष्य के लिए भी जमीन खरीदकर निवेश किया जाता है, लेकिन कई बार देखा गया है कि लोग जमीन खरीदने (Registry) में गाड़ी कमाई लगा देते हैं और ठगी का शिकार हो जाते हैं.
दरअसल, लोग जमीन खरीदते वक्त कई बार जल्दबाजी में लापरवाही कर देते हैं और फिर उन्हें या तो अपने रुपये से हाथ धोना पड़ता है या फिर जमीन पर कब्जा लेने के लिए कोर्ट-कचहरी के चक्कर लगाने पड़ते हैं. ऐसे में हम आपको बता रहे हैं. कि जमीन खरीदते वक्त आपको किन बातों का ख्याल रखना चाहिए.
कितनी प्रकार की प्रॉपर्टी होती है
सबसे पहले आपको बताते हैं कि तीन प्रकार की भूमि की रजिस्ट्री कराई जाती है. पहली कृषि भूमि, दूसरी आवासीय यानि रहने के लिए घर बनाने वाली जमीन (प्लॉट) और तीसरी कमर्शियल या इंडस्ट्रियल भूमि. ध्यान रहे कि तीनों की रजिस्ट्री और उनके उपयोग का तरीका अलग है. जैसे कृषि भूमि पर सिर्फ खेती की जा सकती है. आवासीय पर सिर्फ रहने के लिए घर बनाया जा सकता है और कमर्शियल भूमि केवल व्यापार के लिए इस्तेमाल में लाई जा सकती है.
तीनों प्रकार की भूमि खरीदने का तरीका भले ही अलग हो, लेकिन तीनों ही प्रकार की जमीन खरीदते वक्त हमें कुछ बातों का खास ख्याल रखना चाहिए. धोखाधड़ी से बचने के लिए जमीन खरीदने से पहले हमें इन डॉक्यूमेंट्स को ध्यान से देखना चाहिए.
मूल मालिक की पहचान
जमीन खरीदते वक्त सबसे पहले बात आती है. असली मालिक की यानि जो शख्स आपको जमीन बेच रहा है वो जमीन का असली मालिक है या नहीं. चूंकि आप जमीन मामले के जानकार नहीं है. ऐसे में सबसे बेहतर है कि आप किसी पेशेवर वकील का सहारा लें. ताकि सेल्स डीड और प्रॉपर्टी टैक्स की रसीदों की जांच कराई जा सके. इसके जरिये आप संपत्ति के बारे में पिछले 30 साल का ब्योरा जुटा सकते हैं.
पॉवर ऑफ अटॉर्नी
कई बार प्रॉपर्टी की बिक्री 'पॉवर ऑफ अटॉर्नी' के जरिये की जाती है. इस तरीके में धोखाधड़ी के सबसे ज्यादा चांस होते हैं. आपको किसी पेशेवर की मदद से यह जानकारी लेनी चाहिए कि आपको वही प्रॉपर्टी बेची जा रही जिसका उल्लेख पॉवर ऑफ अटॉर्नी में है.
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भूमि रिकॉर्ड
जो जमीन आप खरीद रहे हैं, उसका रिकॉर्ड खंगालें. अगर खेती की जमीन ले रहे हैं तो राज्य सरकार के राजस्व विभाग से जमीन का खसरा नंबर पता करें. खसरा नंबर से आपको जमीन से जुड़ी सभी जानकारियां मिल जाएंगी.
टाइटल डीड
सबसे पहले टाइटल लीड की जांच कर लें. यानि आप जो प्रॉपर्टी रजिस्ट्री कराने जा रहे हैं, वह उसी व्यक्ति के नाम पर है जो आपको जमीन बेच रहा है.
एनओसी
नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट यानी एनओसी को जरूर देख लें. इस डोक्यूमेंट का मतलब होता है कि आप जो प्रॉपर्टी खरीद रहे हैं. वो किसी भी अन्य डेवलपर या बिल्डर से संबंधित नहीं है.
टैक्स की रसीद देखें
जिससे आप जमीन खरीद रहे हैं, उससे संपत्ति पर चुकाए गए टैक्स की जानकारी मांगें. इसमें पता चल जाएगा कि उस संपत्ति पर पिछले किसी कर या भुगतान का बकाया तो नहीं है.
टाउनशिप के लिए ये डॉक्यमेंट्स देखें
अगर आप रहने के लिए किसी टाइनशिप में प्लॉट ले रहे हैं. तो इस बात को जरूर जांचें कि टाउन एंड कंट्री प्लानिंग की परमीशन है या नहीं. लोकल अथॉरिटी जैसे नगर निगम से नक्शा पास है या नहीं. सबसे जरूरी होता है कि जिस कॉलोनी में आप जमीन खरीद रहे हैं वो वैध है या नहीं.
इन सभी जरूरी बातों को ध्यान में रखकर ही आप जमीन खरीदने का प्लान करें, नहीं तो आप किसी धोखे का शिकार हो सकते हैं.