स्वतंत्रता दिवस (Independence Day) की जब बात होती है तो पतंजबाजी का भी जिक्र जरूर होता है. खासकर उत्तर भारत में लोगों के लिए, आजादी का जश्न बिना पतंग उड़ाये अधूरा सा रहता है. छतों पर चढ़कर आसमान में पतंगों की लड़ाई देखे बिना तो उनका दिन मानो पूरा ही नहीं होता.
लेकिन सवाल ये है कि 15 अगस्त को पतंग क्यों उड़ाते हैं. अब आप कहेंगे कि पतंग आजादी का प्रतीक होते हैं, हवा में दूर उड़ते अठखेलियां खाते पतंग खुशी और जश्न को बढ़ाते हैं. आइए आपको बताते हैं इसकी कहानी.
तो चलिए ब्रिटिश राज में, इस दौर में बात 1927 की जब साइमन कमीशन का विरोध भारतीयों ने पतंग उड़ा कर किया. कहते हैं तब से ही रंग-बिरंगी पतंगों का चलन शुरू हुआ और आजादी के बाद स्वातंत्रता दिवस के मौके पर ये दिनचर्या में शुमार भी. अब ट्रेंड की बात करें तो वक्त के साथ साथ इन पतंगों के रंग और उनपर बने कैरेक्टर्स में बदलाव होता आया है.