चीन सीमा (China border) पर अब भारतीय एयरक्राफ्ट (Indian Aircraft) आसमान का सीना चीर दुश्मन को मुंहतोड़ जवाब देंगे. दरअसल चीन से लगने वाली वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) से 50 KM कम दूरी पर फाइटर एयरक्राफ्ट ऑपरेशन्स (Fighter Aircraft Operations) के लिए न्योमा एडवान्स्ड लैंडिंग ग्राउंड (Nyoma Advanced Landing Ground) को अपग्रेड करने का काम शुरू कर रहा है. इसके लिए सरकार की मंजूरी मिल गई है. चीन के साथ चल रहे गतिरोध के दौरान न्योमा हवाई क्षेत्र का इस्तेमाल जवानों और सामग्री के लिए किया गया है. इस हवाई क्षेत्र में चिनूक हेवी-लिफ्ट हेलिकॉप्टर और सी-130जे स्पेशल ऑपरेशंस विमानों को भी उतारा जा चुका है.
Azam Khan को भड़काऊ भाषण देने के मामले में 3 साल की सजा, विधानसभा से देना पड़ेगा इस्तीफा
भारतीय वायु सेना की क्षमता होगी मजबूत
इस क्षेत्र से लड़ाकू विमानों के संचालन की क्षमता से वायु सेना दुश्मन के किसी भी दुस्साहस का चंद मिनटों में जवाब देने में सक्षम हो जाएगी. इस कदम से फाइटर एयरक्राफ्ट ऑपरेशन्स की क्षमता और भारतीय वायु सेना (IAF) की क्षमता मजबूत होगी. साथ ही IAF को दुश्मनों से निपटने में भी मदद करेगा.
Bank Holidays: नवंबर महीने में पूरे 10 दिन बंद रहेंगे बैंक, जल्द निपटा लें जरूरी काम
दरअसल हाल ही में कई मीडिया रिपोर्टों में दावा किया गया है कि चीन पूर्वी लद्दाख से सटे इलाकों में भारी बुनियादी ढांचे का निर्माण कर रहा है. अब चीन को काउंटर करने के लिए भारत जल्द ही न्योमा में एडवान्स्ड लैंडिंग ग्राउंड को अपग्रेड कर रहा है . न्योमा पूर्वी लद्दाख का बेहद अहम एरिया है.