India-China LAC: कई दौर की वार्ता और समझौतों के बावजूद चीन अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है...ताजा मामला भी पूर्वी लद्दाख से ही जुड़ा है...ओपन सोर्स सैटेलाइट इमेज (open source satellite images) से खुलासा हुआ है कि चीन पैंगोंग लेक (Pangong Lake) पर एक पुल का निर्माण करने में जुटा है. 'इंटेल लैब' के मुताबिक, चीन ये पुल इसलिए तैयार कर रहा है ताकि उसके सैनिक झील के उत्तर और दक्षिण इलाकों में आसानी से आ सकें.
दरअसल करीब 140 किलोमीटर लंबी पैंगोंग झील का दो तिहाई हिस्सा यानि करीब 100 किलोमीटर चीन का हिस्सा है. ऐसे में चीन के सैनिकों को एक छोर से दूसरे छोर जाने के लिए या तो बोट का सहारा लेना पड़ता है या फिर पूरा 100 किलोमीटर घूम कर आना पड़ता है. लेकिन नए पुल के बनने से एक छोर से दूसरे छोर पर पहुंचना बेहद आसान हो जाएगा. ये पुल चीन अपने ही सीमा-क्षेत्र में तैयार कर रहा है.
दूसरी तरफ भारतीय सेना की इस पुल को लेकर अभी तक कोई टिप्पणी सामने नहीं आई है. हालांकि, भारत भी एलएसी के अपने इलाकों में पुल और सड़कों का जाल बिछाने में जुटा है. पिछले हफ्ते ही रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने एलएसी पर दो दर्जन पुलों का ई-उद्घाटन किया था. पिछले हफ्ते ही भारत के रक्षा मंत्रालय ने अपनी सालाना रिपोर्ट में खुलासा किया था कि पूर्वी लद्दाख में एलएसी के जिन इलाकों में डिसइंगेजमेंट नहीं हुआ है वहां भारतीय सेना की तैनाती बढ़ा दी गई है.
बता दें कि 2019 में पैंगोंग झील के उत्तर और दक्षिण दोनों में भारत और चीन की सेनाओं में विवाद हुआ था. झील के उत्तर में विवादित फिंगर एरिया है तो दक्षिण में कैलाश हिल रेंज और रेचीन ला दर्रा है. हालांकि बाद में दोनों ही जगह पर डिसइंगेजमेंट हो गया था लेकिन पूर्वी लद्दाख में दोनों देशों की सेनाओं में तनाव जारी है और दोनों ही सेनाओं के 60-60 हजार सैनिक यहां तैनात हैं. इसके अलावा टैंक, तोप और मिसाइलों का जखीरा भी है.