चीन (China) एक ओर जहां भारत (India) के साथ दोस्ती को बढ़ाने की डींगे हांकता है. वहीं अपनी दादागिरी के जरिए भारत को डराने की नापाक हरकतें भी करता है. चीन की इन हरकतों से मन में यह सवाल उठने लगता है कि क्या चीन वास्तविक नियंत्रण रेखा (Line of Actual control) पर जारी तनातनी को खत्म करने को लेकर संजीदा नहीं है. चीन की ओर से जारी ताजा वीडियो कुछ इसी तरह के इशारे कर रहे हैं.
दोस्ती और दादागिरी
दरअसल चीनी सेना (Chinese Army) ने पैगोंग झील (Pagong Lake) के पास सैन्य अभ्यास (Military Exercise) का एक वीडियो जारी किया है. युद्धाभ्यास के इस वीडियो में साफ तौर पर देखा जा सकता है कि चीनी सेना के तीन लड़ाकू हेलिकॉप्टर (Combat Helicopter) उड़ान भर रहे हैं. चीन के सैन्य अभ्यास का यह वीडियो हाल ही का बताया जा रहा है. अब चीन ने इस वीडियो को ऐसे वक्त में जारी किया है जब दोनों देशों के कोर कमांडर्स (Corps Commanders) के बीच 17 जुलाई को मोल्दो (Moldo) में 16वें दौर की बैठक हुई है. करीब 13 घंटे तक चली इस मैराथन बैठक का कोई नतीजा नहीं निकला. लेकिन इस वीडियो से चीन एक बार फिर बेनकाब हो गया है. एक ओर जहां वो भारत के साथ दोस्ती का हाथ बढ़ाना चाहता है, तो वहीं दूसरी ओर दादागिरी से भी बाज नहीं आ रहा है. चीन ऐसा कर भारत पर मनोवैज्ञानिक (psychological) दबाव बनाना चाहता है. लेकिन उसकी इस हरकत से वास्तविक नियंत्रण रेखा पर तनाव कम करने की कोशिशों को झटका लग सकता है.
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13 घंटे की बैठक में क्या हुआ?
रिपोर्ट्स के मुताबिक चार महीने के बाद हुई इस बैठक के दौरान ने भारत ने चीन से पूर्वी लद्दाख (Eastern Ladakh) में गतिरोध वाले प्वाइंट से अपने सैनिकों को जल्द हटाने को कहा. साथ ही पूर्वी लद्दाख में अप्रैल 2020 से पहले वाली यथास्थिति (status quo) बहाल करने की मांग की. खबर के मुताबिक भारत ने डेमचोक (Demchok) और डेपसांग (Depsang) के मुद्दे भी उठाए. चीन फिलहाल भारत की मांगों पर राजी नहीं हो रहा है. खबर है कि चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (People's Liberation Army) ने बैठक के दौरान भारत के सामने पीपी-15 (PP-15) के लिए अपना काउंटर प्रपोजल रखा, जिसकी डिटेल समीक्षा की जाएगी. हालांकि बैठक से पहले ये उम्मीद जताई जा रही थी कि दोनों देशों के बीच हॉट स्प्रिंग (Hot Spring) इलाके के पेट्रोलिंग प्वाइंट-15 में सैनिकों को वापस भेजने को लेकर सहमति बनेगी. लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हुआ. हालांकि दोनों सेनाओं की ओर से जारी साझा बयान में पूर्वी लद्दाख में सुरक्षा और स्थिरता लाने की कोशिशें जारी रखने की बात कही गई.
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क्या है पेट्रोलिंग प्वाइंट-15?
बता दें कि पीपी-15 वो इलाका है, जहां भारत 2020 तक पेट्रोलिंग करता था. चीनी सेना भी यहां तक पेट्रोलिंग करने आती थी और वापस चली जाती थी. हालांकि पीपी-15 से करीब 3 किलोमीटर दूर दोनों देशों की सेनाओं की मौजूदगी रहती थी. भारत, चीन से यही स्थिति बहाल करने की मांग कर रहा है. यह तभी संभव है जब चीनी सेना 3 किलोमीटर पीछे चली जाए. लेकिन चीन ऐसा करने से आनाकानी कर रहा है. पूर्वी लद्दाख में हॉट स्प्रिंग्स के पास पीपी-15 पर मई 2020 में तनाव बढ़ने के बाद से दोनों देशों की सेना आमने-सामने है. जून 2020 में 15-16 जून की दरम्यानी रात को गलवान घाटी (Galwan Valley) में दोनों देशों के सैनिकों के बीच खूनी संघर्ष हुआ था. इस संघर्ष में 16वीं बिहार रेजिमेंट के 20 जवान शहीद हो गए थे. हालांकि भारतीय जवानों ने भी चीन को मुंहतोड़ जवाब दिया था. लेकिन इसके बाद दोनों देशों के बीच तनाव अपने चरम पर पहुंच गया. भारी भरकम हथियारों के साथ दोनों और से 50 से 60 हजार सैनिकों की तैनाती है. दोनों देशों के बीच आखिरी बार डिसएंगेजमेंट (Disengagement) पर सहमति एक साल पहले तब बनी थी. जब जुलाई 2021 में कोर कमांडर स्तर की वार्ता हुई थी. जिसके बाद गोगरा (Gogra) में पट्रोलिंग प्वाइंट 17-ए पर गतिरोध को सुलझाने को लेकर सहमति बनी थी.