साल 2022-23 में कैपिटल हेड (Capital Head) के तहत सेना के लिए 2.15 लाख करोड़ रुपए के बजट का प्रावधान किया गया था, लेकिन आवंटन सिर्फ 1. 52 लाख करोड़ रुपए का ही हो सका. संसद की स्टैंडिंग कमेटी ऑन डिफेंस (Standing Committee on Defence) ने इसपर चिंता जाहिर की है. लोकसभा में रिपोर्ट पेश करते हुए कमिटी ने कहा है कि बॉर्डर पर तनाव के बीच सेना के बजट में कटौती घातक साबित हो सकती है.
बता दें कि सेना की ताकत के लिहाज से कैपिटल हैड सबसे ज़रूरी हिस्सा होता है. इससे हथियार, गोला-बारूद, फाइटर प्लेन आदि खरीदे जाते हैं. इस कमेटी के अध्यक्ष बीजेपी सांसद जुएल उरांव हैं. 30 सांसद इसके सदस्य हैं जिसमें Rahul Gandhi, Sharad Pawar भी हैं.
कमेटी ने कहा है कि Indian Army की मांग 46,844 करोड़ रुपए की थी, लेकिन उसे मिले सिर्फ 32,115 करोड़ रुपए. Indian Airforce को 85,323 करोड़ न देकर 56,852 करोड़ और Indian Navy को 67,623 करोड़ रुपए की जगह 47,591 करोड़ रुपए दिए गए. बता दें कि साल 2021-22 में वायुसेना को 53 हजार करोड़, थलसेना को 36 हजार करोड़ और नौसेना को 33 हजार करोड़ रुपए दिए गए थे.
भारत, Defence Research पर 1% से भी कम खर्च करता है. कमेटी ने रिपोर्ट में इसका मुद्दा भी उठाया है. बता दें कि China, डिफेंस रिसर्च पर कुल डिफेंस बजट का 20% और America 12% खर्च करता है.
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