भारत ने 18वें जी20 शिखर सम्मेलन का शानदार आयोजन किया और अब भारत ने अगले साल होने वाले 19वें शिखर सम्मेलन की अध्यक्षता ब्राजील को सौंप दी है. पीएम मोदी ने ब्राजील के राष्ट्रपति लूला डी सिल्वा जी20 की अध्यक्षता सौंपी. यानि ब्राजील 19वें शिखर सम्मेलन की मेजबानी करेगा. बता दें भारत ने 18वें शिखर सम्मेलन का सफल आयोजन किया है. भारत की सफलता की कहानी को संयुक्त बयान जारी होने से भी देखा रहा है.
यहां भी क्लिक करें: G20 Summit: आखिर क्या है ये कोर्णाक च्रक जिसके सामने PM ने किया नेताओं का स्वागत
क्या है G-20 ?
जी-20 को 'ग्रुप ऑफ ट्वेंटी' भी कहा जाता है. यह 19 देशों और यूरोपियन यूनियन का एक समूह है. जी-20 शिखर सम्मेलन में इसके नेता हर साल जुटते हैं और वैश्विक अर्थव्यवस्था को बढ़ाने पर चर्चा करते हैं.
कब हुई जी-20 की स्थापना ?
एशियाई वित्तीय संकट के बाद साल 1999 में जी-20 का गठन हुआ था. इसमें वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंक के गवर्नरों के लिए वैश्विक आर्थिक और वित्तीय मुद्दों पर चर्चा करने के लिए एक मंच तैयार किया.
क्यों हुआ था G-20 का गठन ?
वैश्विक वित्तीय संकट के बाद शुरुआत में यह वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंकों के गवर्नरों का संगठन हुआ करता था. इसका पहला सम्मेलन दिसंबर 1999 में जर्मनी की राजधानी बर्लिन में हुआ था, लेकिन 2008 में दुनिया में आई भयानक मंदी के बाद इसे शीर्ष नेताओं के संगठन में तब्दील कर दिया गया. इसके बाद यह तय किया गया कि साल में एक बार जी-20 राष्ट्रों के नेताओं की बैठक की जाएगी. भारत इसी के 18वें शिखर सम्मेलन की पहली बार मेजबानी कर रहा है.
जी 20 में ये देश हैं शामिल
जी-20 समूह की बात करें, तो इसमें अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, मेक्सिको, रूस, सऊदी अरब, साउथ अफ्रीका, साउथ कोरिया, तुर्की, यूनाइटेड किंगडम और संयुक्त राज्य अमेरिका और यूरोपियन यूनियन शामिल हैं.
हालांकि भारत में हुए 18वें शिखर सम्मेलन में अफ्रीकन यूनियन भी इसमें शामिल हो गया है. तो भविष्य में इसे जी20 की जगह जी21 कहा जाएगा.