ईरान समर्थित हूती विद्रोहियों द्वारा व्यापारिक जहाजों पर हमला करने को लेकर लाल सागर में बढ़ते तनाव के बीच, भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने 15 जनवरी को तेहरान में अपने ईरानी समकक्ष से मुलाकात की. दोनों नेताओं ने लाल सागर संकट सहित कई मुद्दों पर चर्चा की और इसके समाधान पर चर्चा की. चाबहार बंदरगाह के माध्यम से क्षेत्रीय कनेक्टिविटी पर भी दोनों नेताओं में चर्चा हुई.
जयशंकर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक पोस्ट में कहा, “आज तेहरान में ईरानी विदेश मंत्री अमीर-अब्दुल्लाहियन के साथ व्यापक चर्चा हुई... हमारी द्विपक्षीय चर्चा चाबहार बंदरगाह और आईएनएसटीसी कनेक्टिविटी परियोजना के साथ भारत की भागीदारी के लिए दीर्घकालिक ढांचे पर केंद्रित थी.
उन्होंने क्षेत्र में समुद्री नौवहन के खतरों के बारे में भी बात की और जोर देकर कहा कि यह महत्वपूर्ण है कि इस मुद्दे का “तेजी से समाधान किया जाए”... यह स्पष्ट रूप से इजरायल-हमास टकराव के बीच ईरान समर्थित यमन के हूती विद्रोहियों द्वारा लाल सागर में व्यापारिक जहाजों को निशाना बनाने का संदर्भ था.
बता दें कि भारत लाल सागर में उभरती स्थिति पर करीब से नजर रख रहा है. जयशंकर और अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन के बीच बृहस्पतिवार को फोन पर हुई बातचीत में यह मुद्दा उठा. जयशंकर ने ईरानी विदेश मंत्री के साथ बैठक के बाद कहा, “एजेंडे में अन्य मुद्दे गाजा स्थिति, अफगानिस्तान, यूक्रेन और ब्रिक्स सहयोग थे.”
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