एलएसी (LAC) पर चीन (China) की चुनौती से मुकाबले के लिए भारत (India) की ओर से भी सीमाई क्षेत्रों में नए एयरफील्ड (Airfields) विकसित किए जा रहे हैं. दरअसल, जिस तेजी से चीन वहां अपनी वायुसेना के नेटवर्क का विस्तार कर रहा है, वह भारत के लिए चिंतापूर्ण है. ऐसे में इस चुनौती से निपटने के लिए भारत ने भी उपाय शुरू कर दिए हैं. सीमा से कुछ दूर के इलाकों में चीन की तर्ज पर नए एयरफील्ड बनाने, पुराने एयरफील्ड को अपग्रेड करने और नागरिक हवाईअड्डों के इस्तेमाल की सभी संभावनाओं पर कार्य किया जा रहा है. हालांकि, वायुसेना की तरफ से नए एयरफील्ड की संख्या का खुलासा नहीं किया गया है.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक भारत-चीन के बीच वर्ष 2020 में हुए टकराव के बाद चीन ने एलएसी के निकटवर्ती क्षेत्रों में अपनी तरफ आधा दर्जन नए एयरफील्ड तैयार कर लिए हैं. जबकि, पहले भी उसके पास एक दर्जन नए एयरफील्ड सीमावर्ती क्षेत्रों के निकट मौजूद थे. चीन की इस चुनौती से मुकाबले के लिए भारत की ओर से भी सीमाई क्षेत्रों में नए एयरफील्ड विकसित किए जा रहे हैं.
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सूत्रों की मानें तो भारत-चीन के बीच 3,488 किलोमीटर लंबी सीमा के नजदीकी क्षेत्रों में चीनी सेना के पास 18-20 संचालन योग्य एयरफील्ड हैं. कुछ एयरफील्ड एकदम नए बनाए गए हैं तो कुछ को विकसित किया गया है. इसके अलावा चीन ने कुछ नागरिक हवाईअड्डों का वायुसेना के लिए भी इस्तेमाल शुरू किया गया है. वहीं, भारत के पास यह संख्या अभी कम है, लेकिन कोशिश यह है कि इसे चीन के बराबर या उससे ज्यादा किया जाए. आपको बता दें कि एयरफील्ड वह स्थान होता है जहां पर वायुयानों के उतरने, रुकने या उड़ान भरने का स्थान होता है.
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