NEET (UG) पेपर लीक मामले में जारी विवाद के बीच केंद्र सरकार ने शनिवार को राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) के महानिदेशक सुबोध सिंह को हटा दिया और मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट-यूजी में अनियमितताओं की जांच केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को सौंप दी.
शिक्षा मंत्रालय ने एजेंसी के कामकाज की समीक्षा करने और परीक्षा सुधारों की सिफारिश करने के लिए इसरो के पूर्व प्रमुख के. राधाकृष्णन की अध्यक्षता में सात सदस्यीय समिति का गठन भी किया.
इससे पहले मंत्रालय ने नीट-पीजी प्रवेश परीक्षा स्थगित कर दी.केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा, “हम पारदर्शी, गड़बड़ी और त्रुटि रहित परीक्षाओं के पक्षधर हैं। परीक्षा सुधारों को लेकर एक समिति गठित की गई है। अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की गई है और मामला सीबीआई को सौंप दिया गया है.”
नीट-यूजी परीक्षा पांच मई को 4,750 केंद्रों पर आयोजित की गई थी और इसमें करीब 24 लाख परीक्षार्थी शामिल हुए थे.परीक्षा परिणाम 14 जून को घोषित होने थे, लेकिन चार जून को घोषित कर दिए गए थे.
इससे पहले प्रतियोगी परीक्षाओं में कथित अनियमितताओं को लेकर आलोचनाओं का सामना कर रही केंद्र सरकार ने एनटीए के महानिदेशक (डीजी) सुबोध कुमार सिंह को हटा दिया.सरकार ने इसके साथ ही एजेंसी के कामकाज की समीक्षा करने तथा परीक्षा सुधारों की सिफारिश करने के लिए भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के पूर्व प्रमुख के. राधाकृष्णन की अध्यक्षता में सात सदस्यीय समिति गठित की.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने भी कुछ प्रतियोगी परीक्षाओं की विश्वसनीयता पर हाल ही में लगे आरोपों के मद्देनजर 'एहतियाती उपाय' के तौर पर एक रात पहले नीट-पीजी प्रवेश परीक्षा स्थगित करने की घोषणा की.
यह कदम संयुक्त वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद और यूजीसी-नेट के जून संस्करण को स्थगित किए जाने के एक दिन बाद उठाया गया है. संयुक्त सीएसआईआर-यूजीसी-नेट परीक्षा जूनियर रिसर्च फेलोशिप और सहायक प्रोफेसर पद के लिए पात्रता निर्धारित करने तथा विज्ञान पाठ्यक्रमों में पीएचडी के लिए आयोजित की जाती है.