ईरान (Iran) से चीन जा रहे ईरानी विमान (Iranian aircraft) में उस समय हड़कंप मच गया. जब ईरान के महान एयर (Mahan Air) में बम होने की जानकारी मिली. इसके बाद विमान को भारतीय क्षेत्र में उतारने की इजाजत मांगी गई. महान एयर ने दिल्ली हवाई अड्डे के ATC से संपर्क किया था और दिल्ली में तत्काल लैंडिंग के लिए अनुमति मांगी. दिल्ली ATC ने विमान को जयपुर जाने का सुझाव दिया लेकिन विमान के पायलट ने मना कर दिया ये सब होते ही एयर फोर्स के सुखोई विमान पल भर में हवा में उड़ गए और ईरानी विमान के पीछे लग गए. इसे Air Force Scrambling कहा जा रहा है. आखिर में ये विमान बिना रुके ही सीधे चीन चला गया. इसी बीच ईरान की महान एयरलाइन ने ट्वीट कर जानकारी दी कि विमान में बम होने की खबर अफवाह थी और विमान की सुरक्षित लैंडिंग कराई जा चुकी है. आइए जानते हैं कि एयरफोर्स स्क्रैंब्लिंग होता क्या है और यह किस प्रकार से काम करता है ?
भारतीय वायुसेना के डिक्शनरी में स्क्रैम्बलिंग का मतलब आपातकालीन परिस्थिति में लड़ाकू विमानों की तैनाती और उसके उड़ान भरकर एक्शन में आने की क्षमता से निकाला जाता है. किसी विमान के इंमरजेंसी लैडिंग की सूचना मिलने के कितने वक्त में कोई सेना अपने विमानों को मोर्चे पर लगा देती है, यह उसका स्क्रैम्बल टाइम कहलाता है. स्वाभाविक है कि जिसका जितना कम स्क्रैंबल टाइम होता है, उस वायुसेना की क्षमता को उतना ही ज्यादा आंका जाता है.
चलिए एक उदाहरण से समझते है. जैसे मान लिजिए कि अगर अचानक किसी देश पर दुश्मन हवाई हमला कर देता है या फिर अचानक हमले की आशंका पैदा हो गई हो या फिर किसी और तरह का खतरा पैदा हो गया हो, तो उसका जवाब देने या उसे रोकने के लिए हमारे देश की सेना वायुसेना अपने विमानों की स्क्रैम्बलिंग करती है. इसका सीधा मतलब यह होता है कि वायुसेना अपने लड़ाकू विमानों के साथ मोर्चे पर तत्परता से जुट जाती है. इससे पहले उसे एयक्राफ्ट क्रू को तुरंत तैयार करना पड़ता है और जितना संभव हो, उड़ान भरनी पड़ती है. इसकी प्रक्रिया में औसतन 4-5 मिनट से ज्यादा वक्त नहीं लगना चाहिए.
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