ISRO Sun mission: चंद्रयान-3 के सफल प्रक्षेपण (successful launch of Chandrayaan-3) के बाद, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन यानी (इसरो) अब सूर्य का अध्ययन करने के लिए अपना अगला मिशन शुरू करने की तैयारी कर रहा है, जिसका नाम 'आदित्य एल1' (aditya-l1 ) रखा गया है. बता दें 2008 में जिस 'आदित्य मिशन' की परिकल्पना की गई थी, उसे बजट की कमी के कारण कई बार रोक दिया गया था. अब इसे नए सिरे से शुरू करने की कवायद चल रही है. ये मिशन 26 अगस्त, 2023 को शुरू होने के लिए पूरी तरह तैयार है. इसरो ने लॉन्चिंग लागत को छोड़कर 378.53 करोड़ रुपये की भारी लागत से इस परियोजना की योजना बनाई है. शुरू में वित्त वर्ष 2017 में, मिशन की योजना 3 करोड़ रुपये के बजट के साथ सौर कोरोना का अध्ययन करने के लिए एक छोटे 400 किलोग्राम के 'लो अर्थ ऑर्बिट सैटेलाइट' के साथ एक पाइलेट प्रोजेक्ट के रूप में बनाई गई थी. अब, परियोजना का दायरा एल1 बिंदु पर स्थापित की जाने वाली एक व्यापक सौर और अंतरिक्ष पर्यावरण आब्जर्वर तक व्यापक हो गया है.
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सूर्य का L1 (aditya l1 full form) बिंदु लैग्रेंज बिंदु 1 को दर्शाता है, जो पृथ्वी और सूर्य के बीच दो महत्वपूर्ण बिंदुओं में से एक है, जो सूर्य की जानकारी हासिल करने में मदद करता है. इसरो आदित्य एल1 उपग्रह को तैनात करने के लिए ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान यानी (PSLV) का उपयोग करेगा. लॉन्च के बाद मिशन को L1 बिंदु के आसपास 'हेलो कक्षा' तक पहुंचने में लगभग 109 दिन लगने की उम्मीद है.