Jagannath Rath Yatra 2023: भगवान जगन्नाथ इनदिनों बीमार पड़ गए हैं. दिनरात उनकी सेवा में भक्त लगे हुए हैं. एक मान्यता के मुताबिक ज्येष्ठ मास के पूर्णिमा तिथि के दिन भगवान जगन्नाथ, बहन सुभद्रा और बड़े भाई बलभद्र को गर्भ गृह से बाहर लाया जाता है और उन्हें सहस्त्र स्नान कराया जाता है. इस स्नान के बाद भगवान जगन्नाथ बीमार पड़ जाते हैं और उनकी 15 दिनों तक सेवा की जाती है. अपने अपने शयन कक्ष में भगवान जगन्नाथ, बहन सुभद्रा और बड़े भाई बलभद्र आराम कर रहे होते हैं. इसको देखते हुए मंदिर का कपाट बंद रहता है. भगवान जगन्नाथ को बुखार लग गया है जाहिर है उन्हें अब सादा भोजन दिया जा रहा है. 15 दिनों तक केवल काढ़ा और फलों का जूस देकर उन्हें तंदरुस्त बनाया जा रहा है.सोने से पहले मीठा दूध अर्पित किया जाता है साथ ही पूरे 15 दिनों तक भगवान को शीतल लेप भी लगाया जाता है। इस दौरान मंदिर में न तो घंटी बजती है ना भक्तों को दर्शन करने की अनुमति होती है। वह आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि के दिन वह अपने विश्राम कक्ष से बाहर निकलते हैं और इस दिन भव्य रथ यात्रा निकाली जाती है.
हिंदू कैलेंडर के अनुसार आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को पुरी में भगवान जगन्नाथ जी की रथ यात्रा निकाली जाती है. इस साल 20 जून यानी मंगलवार के दिन जगन्नाथ रथ यात्रा निकाली जाएगी.