12 दिवसीय विश्व प्रसिद्ध जगन्नाथ पुरी रथ यात्रा (Jagannath Ratha Yatra) देवताओं के नीलाद्रि बिजे में श्रीमंदिर लौटने के साथ ही संपन्न हो गई. नीलाद्रि बिजे अनुष्ठान के पूरा होने के बाद भगवान जगन्नाथ, भगवान बलभद्र और देवी सुभद्रा ने श्रीमंदिर के गर्भगृह में प्रवेश किया. इन 12 दिनों में कई तरह की परंपराओं का निर्वाह किया गया.
जानकारों के मुताबिक मंदिर के पुजारियों ने भव्य गोटी पहांडी यानी मंदिर में देवताओं का खास जुलूस और पहांडी यानी औपचारिक जुलूस सहित अलग अलग अनुष्ठान किए. इस भव्य आयोजन में देवताओं को सुंदर ढंग से सजाए गया. भगवान जगन्नाथ, भगवान बलभद्र और देवी सुभद्रा को पालकी पर ले जाया गया.
मुख्य मंदिर में प्रवेश करने से पहले, मंदिर के मुख्य द्वार, जया विजया द्वार पर भगवान जगन्नाथ और देवी लक्ष्मी के सेवकों के बीच एक पारंपरिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया.
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