Jama Masjid Shahi Imam: जामा मस्जिद के शाही इमाम सैयद अहमद बुखारी ने नूंह में हुई सांप्रदायिक हिंसा का ज़िक्र करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुसलमानों के “मन की बात” सुनने की अपील की है.
शाही इमाम ने जामा मस्जिद में शुक्रवार को दिए अपने भाषण में नूंह हिंसा (Nuh violence) और चलती ट्रेन में रेलवे पुलिस के जवान के चार लोगों की हत्या जैसी हाल की घटनाओं का ज़िक्र किया. उन्होंने पीएम मोदी (PM Modi) और गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah) से मुस्लिम बुद्धिजीवियों से बातचीत करने का आग्रह भी किया.
यह भी पढ़ें: Nuh Violence: नूंह हिंसा पर भड़काऊ पोस्ट, टीवी चैनल के संपादक को गुरुग्राम पुलिस ने किया गिरफ्तार
उन्होंने कहा,”मैं प्रधानमंत्री और गृह मंत्री से कहना चाहता हूं कि उदार बनें और मुस्लिम बुद्धिजीवियों से बात करें. मैं देश के मुसलमानों की ओर से आपसे कहना चाहता हूं कि बात करें. हम तैयार हैं.”
सैयद अहमद बुखारी ने यह भी कहा कि इस वक्त देश में “नफरत की आंधी” चल रही है.
उन्होंने कहा,”देश के मौजूदा हालात के कारण मुझे बोलने के लिए मजबूर होना पड़ा है. देश में हालात चिंताजनक हैं और नफरत की आंधी देश में शांति के लिए गंभीर खतरा पैदा कर रही है.”
"भविष्य को लेकर चिंतित हैं मुसलमान"
शाही इमाम ने पीएम मोदी के रेडियो कार्यक्रम “मन की बात” का ज़िक्र करते हुए कहा कि उन्हें मुसलमानों के “मन की बात” भी सुननी चाहिए.
उन्होंने कहा, “आप अपने 'मन की बात' कहते हैं लेकिन आपको मुसलमानों के 'मन की बात' भी सुनने की जरूरत है. मुस्लिम मौजूदा परिस्थितियों से परेशान हैं और अपने भविष्य को लेकर चिंतित हैं.”
शाही इमाम ने कहा कि मौजूदा हालात में कानून नफ़रत और सांप्रदायिक हिंसा से निबटने में कमज़ोर साबित हो रहा है.
उन्होंने कहा, “एक धर्म के लोगों को खुलेआम धमकी दी जा रही है. पंचायतें आयोजित की जा रही हैं, जहां मुसलमानों के बहिष्कार का आह्वान किया गया और उनके साथ व्यापार और व्यवसाय को खत्म करने की घोषणा की गई. दुनिया में 57 इस्लामी देश हैं जहां गैर-मुस्लिम भी रहते हैं लेकिन उन्हें उनके जीवन या आजीविका के लिए किसी भी खतरे का सामना नहीं करना पड़ता है.”