Jamiat Ulema-E-Hind: बुलडोजर (Bulldozer) से ढहाये जा रहे घरों और दुकानों का मामला अब देश की सबसे बड़ी अदालत (Petition in Supreme Court) में पहुंच गया है. जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने बुलडोजर के इस्तेमाल के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की है. जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष अरशद मदनी (Maulana Arshad Madani) ने कहा कि याचिका में अदालत से राज्यों को आदेश देने के लिए कहा गया है कि अदालत की अनुमति के बिना किसी के घर या दुकान को ध्वस्त ना करें. याचिका में केंद्र सरकार के साथ ही उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और गुजरात (Uttar Pradesh, Gujarat, Madhya Pradesh) को पार्टी बनाया गया है.
जमीयत का कहना है कि अपराध रोकथाम की आड़ में अल्पसंख्यकों, खासकर मुसलमानों को निशाना बनाया जा रहा है. जमीयत ने कहा कि उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और गुजरात में मुसलमानों के घरों और दुकानों पर बुलडोजर चलाया जा रहा है.
जमीयत के नेता मौलाना महमूद मदनी ने कहा कि अपराध रोकने की आड़ में अल्पसंख्यकों को तबाह करने के उद्देश्य से बुलडोजर की खतरनाक राजनीति शुरू हुई है. उत्तर प्रदेश में बुलडोजर की राजनीति पहले से ही चल रही है, लेकिन अब यह नापाक हरकत गुजरात और मध्य प्रदेश में भी शुरू हो गई है.
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