Lok Sabha Elections: जम्मू-कश्मीर की श्रीनगर लोकसभा सीट पर सोमवार को मतदान के दौरान कोई अप्रिय घटना नहीं हुई और 38 प्रतिशत मतदान हुआ, जो 1996 के बाद सबसे अधिक मतदान है. इससे पहले 1996 में जम्मू-कश्मीर में इस सीट पर लगभग 41 प्रतिशत मतदान हुआ था.
जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद-370 को निरस्त किए जाने के बाद श्रीनगर निर्वाचन क्षेत्र में पहला आम चुनाव हुआ. निर्वाचन आयोग के अनुसार, वहां रात 11 बजे तक के आंकड़ों के अनुसार 38 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया.
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उत्साहजनक मतदान के लिए श्रीनगर के मतदाताओं की सराहना की.
उन्होंने कहा, 'अनुच्छेद-370 को निरस्त किए जाने से लोगों की क्षमता और आकांक्षाओं को पूर्ण अभिव्यक्ति मिल सकी है. यह जमीनी स्तर पर हो रहा है और यह जम्मू-कश्मीर के लोगों, विशेष रूप से युवाओं के लिए बहुत अच्छी बात है.'
जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा और राजनीतिक दलों ने श्रीनगर निर्वाचन क्षेत्र के लोगों को इस 'ऐतिहासिक' मतदान के लिए बधाई दी.
निर्वाचन क्षेत्र के कश्मीरी पंडित जम्मू में विशेष मतदान केंद्रों पर पहुंचे और उन्होंने 'सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक' मोर्चों पर अपने समुदाय के पुनर्वास के लिए मतदान किया.
श्रीनगर निर्वाचन क्षेत्र के तहत श्रीनगर, गांदेरबल, पुलवामा जिले, बडगाम व शोपियां जिलों में 2,135 मतदान केंद्रों पर सुबह सात बजे मतदान आरंभ हुआ. निर्वाचन आयोग के अनुसार, पिछले 34 साल में इस निर्वाचन क्षेत्र में सबसे अधिक मतदान 1996 में हुआ था. उस समय लगभग 41 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का उपयोग किया था.
बयान में कहा गया है कि 2019 में 14.43 प्रतिशत वोट पड़े थे, जबकि पिछले संसदीय चुनावों में यह आंकड़ा 25.86 प्रतिशत (2014), 25.55 प्रतिशत (2009), 18.57 प्रतिशत (2004), 11.93 प्रतिशत (1999) और 30.06 प्रतिशत (1998) था.
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