Joshimath sinking: सुप्रीम कोर्ट (supreme court) ने उत्तराखंड के जोशीमठ में भू-धंसाव संकट को राष्ट्रीय आपदा (national disaster) घोषित करने के लिए अदालती हस्तक्षेप के अनुरोध वाली याचिका पर सुनवाई करने से सोमवार को इनकार कर दिया. कोर्ट ने याचिकाकर्ता स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती (Petitioner Swami Avimukteshwaranand Saraswati) को अपनी याचिका के साथ उत्तराखंड हाई कोर्ट (Uttarakhand High Court) का दरवाजा खटखटाने को कहा.
दरअसल इस याचिका में कहा गया है, 'मानव जीवन की कीमत पर किसी विकास की आवश्यकता नहीं है और अगर ऐसी कुछ चीजें होती भी हैं, तो यह राज्य एवं केंद्र सरकार का कर्तव्य है कि इसे तुरंत रोका जाए. याचिकाकर्ता की दलील है कि बड़े पैमाने पर औद्योगिकीकरण (industrialization) के कारण भू-धंसाव हुआ है और इससे प्रभावित लोगों को तत्काल वित्तीय सहायता और मुआवजा दिया जाए.
यह भी पढ़ें: Joshimath Sinking: जोशीमठ को बचाने के लिए विशेषज्ञों ने दी राय, वाटर केमिस्ट्री की स्टडी से मिलेगी मदद