उत्तराखंड (Uttrakhand) के जोशीमठ (Joshimath) में हो रही त्रासदी से लोगों को कैसे बचाया जाए इसके लिए राज्य सरकार (State Government) से लेकर पीएमओ (PMO) तक एक्टिव हो गया है और लोगों के आशियाने बचाने से लेकर उनकी सुरक्षा को लेकर मंथन किया जा रहा है. विशेषज्ञ लगातार जमीन के धंसने और उससे पानी निकलने के कारणों को जानने के लिए अध्ययन कर रहे हैं.
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इसी क्रम में 'वाडिया इंस्टीट्यूट ऑफ हिमालयन जियोलॉजी' के भूवैज्ञानिक डॉक्टर मनीष मेहता ने बताया कि पानी की जांच के लिए वाटर केमिस्ट्री की स्टडी करनी पड़ेगी. आगे उन्होंने कहा कि यहां पर जीपीएस मोशन सेंसर लगाने चाहिये जो मूवमेंट को रोकें. उन्होंने कहा कि इससे ध्वनि का पता चलेगा जो बहुत जरूरी है और जिससे हो रही त्रासदी का कोई समाधान निकाला जाएगा.
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