एक्सपर्ट्स (Experts) के एक पैनल ने कहा कि अनियंत्रित निर्माण (uncontrolled construction) के जलते उत्तराखंड के जोशीमठ की जमीन धंसी (Joshimath Sinking) है. स्वदेशी जागरण मंच द्वारा आयोजित राउंड टेबल मीटिंग में पारित एक प्रस्ताव में विशेषज्ञों ने जोशीमठ धंसाव की मौजूदा स्थिति से निपटने के लिए किए जा रहे कदमों को भी अपर्याप्त बताया.
विशेषज्ञों ने हिमालय (Himalya) को पर्यावरण के प्रति संवेदनशील क्षेत्र घोषित किए जाने की भी मांग की. एक्सपर्ट्स ने चार धाम रेलवे परियोजना का पुनर्मूल्यांकन करने की अपील करते हुए चेताया कि चारधाम रेलवे एक महत्वाकांक्षी परियोजना है जो बहुत तबाही मचा सकती है.