Kedarnath Dham : उत्तराखंड के बद्रीनाथ और केदारनाथ धाम (Badrinath and Kedarnath Dham) में भक्तों के साथ ठगी का नया मामला सामने आया है. बद्रीनाथ और केदारनाथ धाम दान के लिए लगा एक क्यूआर कोड (QR code) से भक्तों के साथ ठगी हुई है. रविवार को बद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर कमेटी ने उत्तराखंड पुलिस (Uttarakhand Police) में शिकायत दर्ज कराई. कमेटी का कहा है कि भक्तों से चंदा मांगने वाले पोस्टर कमेटी की ओर से नहीं लगाए गए. साथ ही कमेटी ने भक्तों से अपील की है कि क्यूआर कोड पर स्कैन कर किसी भी तरह का दान न करें.
मंदिर कमेटी के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने भक्तों के लिए बयान जारी कर कहा कि मंदिरों के पास क्यूआर कोड के माध्यम से दान मांगने वाले बोर्ड उनके द्वारा नहीं लगाए गए थे. इसके अलावा मंदिर कमेटी की ओर से भक्तों से अपील की गई है कि क्यूआर कोड पर स्कैन कर किसी भी तरह का दान न करें.
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इस मामले में पहले मंदिर समिति के पदाधिकारियों ने अपने स्तर पर मामले की छानबीन की लेकिन जब कोई जानकारी नहीं मिली तो इस संबंध में उत्तराखंड पुलिस को शिकायत दर्ज कराकर मामले की जांच की मांग की. समिति अध्यक्ष ने बताया कि अभी तक बीकेटीसी द्वारा अपने कामकाज के लिए पेटीएम का प्रयोग नहीं किया जाता है.
बता दें कि पिछले कुछ दिनों से सोशल मीडिया पर केदारनाथ धाम मंदिर के बाहर लगे पेटीएम क्यूआर बारकोड को लेकर काफी हंगामा चल रहा है. जिसमें लिखा था 'डिजिटल दान करें, केवल पेटीएम से'. लोग मजाक उड़ा रहे थे कि अब मंदिरों में डिजिटल दान लिया जायेगा. लेकिन अब लोग हैरान है कि भक्तों के साथ ठगी हुई है.
गौरतलब है कि 25 अप्रैल की सुबह 6:20 मिनट पर उत्तराखंड में केदारनाथ मंदिर के कपाट खोल दिए गए थे. मंदिर के मुख्य पुजारी जगद्गुरु रावल भीम शंकर लिंग शिवाचार्य ने कपाट खोले थे. इस दिन मंदिर को 15 टन से अधिक फूलों से सजाया गया था. हर साल की तरह इस साल भी पहली पूजा और आरती देश के पीएम मोदी के नाम से हुई.