आवारा कुत्तों (Stray Dogs) की वजह से कई बार लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है. इसी वजह से कई बार डॉग लवर्स (Dog Lovers ) और पीड़ितों के बीच विवाद की खबरें सामने आती रहती हैं. शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने (Supreme Court ) एक महिला की याचिका (Plea) पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया, जिसमें उसने 60 से अधिक आवारा कुत्तों को संरक्षण देने की मांग की थी. ये महिला काफी समय से इन कुत्तों की देखभाल कर रही है. जस्टिस एम. आर. शाह और जस्टिस एम. एम. सुंद्रेश की बेंच ने याचिकाकर्ता की ओर से पेश हुए वकील से कहा कि वो ये मामला इस संबंध में लंबित मामलों पर सुनवाई कर रही एक अन्य बेंच के समक्ष उठाएं.
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बेंच ने कहा कि आवारा कुत्तों को रखने का मतलब यह नहीं है कि आप उन्हें सड़कों पर ले जाएं, लड़ाई करें और लोगों के जीवन में परेशानी खड़े करें. उन्होंने कहा कि जैसा कि यह बताया गया है कि इसी तरह के मुद्दे पर एक अन्य बेंच सुनवाई कर रही है इसलिए वर्तमान रिट याचिका पर सुनवाई नहीं की जा सकती. बता दें कि देश की सबसे बड़ी अदालत मध्य प्रदेश की समरिन बानो की उस याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें दावा किया गया है कि राज्य में आवारा कुत्तों को सुरक्षा प्रदान नहीं की जा रही है. उन्होंने आरोप लगाया था कि अधिकारी कोई कार्रवाई नहीं कर रहे हैं और उन्होंने उन 67 आवारा कुत्तों के लिए संरक्षण की मांग की थी, जिनकी वह काफी समय से देखभाल कर रही हैं. (PTI भाषा इनपुट्स के साथ)
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