केरल के पत्रकार सिद्दीकी कप्पन (Kerala journalist Siddiqui Kappan) को सुप्रीम कोर्ट (supreme court) से बड़ी राहत मिली है. SC ने 23 महीने बाद शुक्रवार (friday) को कप्पन को सशर्त जमानत (conditional bail) दे दी. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कप्पन 6 हफ्ते तक दिल्ली में रहकर ही लोकल पुलिस(local police) को रिपोर्ट करेंगे. इसके बाद उन्हें केरल में भी लोकल पुलिस को रिपोर्ट करते रहना होगा. कप्पन को अपना पासपोर्ट जमा (Passport deposit) करना होगा. कप्पन इनमें से किसी भी शर्त का उल्लंघन नहीं करेंगे.
दरअसल, हाथरस कांड (Hathras kand) के बाद कप्पन पर जनता को भड़काने सहित कई आरोप लगे. यूपी सरकार (UP government) ने उनपर UAPA के तहत मामला दर्ज किया था, और अक्टूबर 2020 में हाथरस जाते समय उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था.
कप्पन की जमानत याचिका (bail plea) पर सुनवाई के दौरान CJI जस्टिस यूयू ललित (CJI Justice UU Lalit) ने यूपी सरकार से पूछा क्या कप्पन के पास से कोई विस्फोटक पदार्थ (explosives) मिला था? या कोई ऐसी सामग्री मिली, जिससे लगता हो कि वो साजिश रच रहा था. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि लगता है कि अभी आरोप तय होने के चरण तक भी मामला नहीं पहुंचा है.
वहीं UP की योगी सरकार ने सिद्दीकी कप्पन की जमानत का विरोध किया. योगी सरकार की ओर से दाखिल हलफनामे में कहा गया कि कप्पन के चरमपंथी संगठन PFI यानी पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (Popular Front of India) के साथ रिश्ते हैं. PFI का एक राष्ट्र विरोधी एजेंडा (anti national agenda) है, और कप्पन देश में धार्मिक कलह और आतंक फैलाने की बड़ी साजिश का हिस्सा है.