उत्तर प्रदेश (UP) और मध्य प्रदेश के बाद अब गुजरात (Gujarat) में भी बुलडोजर चला है. गुजरात में खंभात हिंसा (Khambhat violence) के आरोपितों की संपत्तियों को प्रशासन ने शुक्रवार को ध्वस्त कर दिया है. जिला प्रशासन के मुताबिक, आरोपियों की उन संपत्तियों को ढहाया जा रहा है जिन पर जबरन कब्जा किया गया था.
पूरा मामला क्या है?
गुजरात (Gujarat) के हिम्मतनगर और खंभात शहर में रविवार को रामनवमी की शोभायात्रा के दौरान दो समुदायों के बीच झड़प हो गई थी. स्थिति पर काबू पाने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे. दोनों समूह एक दूसरे पर पथराव कर रहे थे. खंभात में एक व्यक्ति की मौत हो गई थी, जबकि एक अन्य घायल हो गया. दोनों शहरों में दुकानों व वाहनों को नुकसान पहुंचा था. अब इस पूरे मामले में एक नया मोड़ भी सामने आया है. इस मामले में पुलिस ने सनसनीखेज खुलासा किया है.
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पुलिस ने दावा किया कि खंभात में रामनवमी पर सांप्रदायिक (Ram Navami Violence)सौहार्द बिगाड़ने के लिए विदेश में साजिश रची गई. पुलिस ने बताया कि एक मौलवी मुस्तकीम और उसके दो साथी मतीन और मोहसिन के साथ ही रजाक अयूब, हुसैन हाशमशा दीवान भी इस साजिश के बड़े किरदार हैं. पुलिस ये भी दावा किया है कि यह साजिश एक समुदाय पर प्रभुत्व पाने के लिए और हिंदुओं को 'सबक' सिखाने के लिए रची गई थी. बता दें कि गुजरात में साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं.
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