मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के खरगोन (Khargone Riots) में रामनवमी के जुलूस में हुए सांप्रदायिक दंगों (communal riots) के बाद शिवराज सरकार पूरी तरह से एक्शन मोड में है. इस मामले में अब तक 24 FIR दर्ज की जा चुकी हैं, 95 लोगों की गिरफ्तार और पत्थरबाजों के 60 घरों पर बुलडोजर (bulldozer) चल चुका है.
एसपी ने सुनाई आपबीती
वहीं खरगोन के एसपी सिद्धार्थ चौधरी (SP Siddhartha Chowdhary) ने दंगों का आंखों देखा हाल बया किया. उन्होंने कहा कि जुलूस शांतिपूर्वक निकल रहा था, लेकिन कुछ लोगों ने जुलूस पर पत्थर फेंके. कुछ पुलिस वाले भी इस पत्थरबाजी में घायल हुए. एसपी ने बताया कि हमने भीड़ को नियंत्रित करने के लिए बल प्रयोग किया और आंसू गैस (tear gas) भी छोड़ी. एसपी के मुताबिक बड़े पैमाने पर इलाके में नियंत्रण हो गया था, लेकिन दूसरे इलाके में तनाव बढ़ा गया.
'तलवारबाज मिल रहा था कवर'
SP सिद्धार्थ ने बताया कि, शाम के सवा सात बज चुके थे. इस दौरान एक युवक हाथ में तलवार लेकर दूसरे समुदाय की तरफ दौड़ रहा था. हम 12 से 15 पुलिस वाले थे, हमने उसे पकड़ लिया. एसपी ने आशंका जताई कि युवक को कोई कवर दे रहा था, उसने मेरे पैर में गोली मारी और युवक भाग खड़ा हुआ.
बता दें कि खरगोन हिंसा में स्थानीय लोगों का दावा है कि दंगों से 5 घंटे पहले दोनों समुदायों के बीच झड़प हुई थी. लेकिन प्रशासन ने सही समय पर सख्त कदम नहीं उठाए. अगर वक्त रहते सही कदम उठाया जाता, तो शायद हिंसा को टाला जा सकता था.