INS Dhruv: एक ऐसा स्वदेशी बैलिस्टिक मिसाइल और सबमरीन ट्रैकिंग शिप है जिसकी वजह से दुश्मन देश हमारे देश पर हमला नहीं कर सकता. साथ ही ये दुश्मन मिसाइल की रेंज भी बताने के अलावा यह मिसाइल और सैटेलाइट को ट्रैक भी कर सकता है.
यह जहाज इलेक्ट्रॉनिक इंटेलिजेंस डाटा कलेक्ट कर सकता है. बता दें, देश की तीन संस्थाएं इस जहाज का संचालन कर रही हैं. पहली नेशनल टेक्निकल रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन, DRDO और नौसेना.
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जानकारी के मुताबिक जहाज के डेवलपमेंट के दौरान काफी कम लोगों को जानकारी थी कि ऐसी तकनीकी से लैस किसी जहाज पर भारत काम कर रहा है. बताया जा रहा है कि जहाज के कीमत 1500 करोड़ रुपए हैं और इसे 2014 में बनाना शुरू किया गया था.
31 अक्टूबर 2020 को यह समंदर में उतरा और इसकी कमीशनिंग 10 सितंबर 2021 को विशाखापट्ट्नम में की गई. NSA Ajit Doval उस दौरान मौजूद थे. तब से यह देश की सेवा कर रहा है.
इस जहाज का डिस्प्लेसमेंट 15 हजार टन है. 574.2 फीट लंबे जहाज की बीम 72.2 फीट है. इसका ड्रॉट 19.8 फीट का है. यह एक डीजल-इलेक्ट्रिक जहाज है. जिसे दो डीजल इंजन और 3 ऑक्सीलरी जनरेटर ताकत देते हैं. यह अधिकतम 39 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से समंदर में चल सकता है. इसमें 300 लोग तैनात हो सकते हैं.
इस जहाज को बनाने के मिशन को बेहद सिक्रेट रखा गया. इसकी रिपोर्ट सीधे प्रधानमंत्री कार्यालय को जाती थी. इसमें एक एक्स बैंड एईसा राडार और एस बैंड एईसा राडार लगा है, जो दुश्मन की हर मिसाइल, सबमरीन पर नजर रखता है. इसकी तैनाती पूर्वी नौसैनिक कमांड के तहत है. इसका संचालन स्ट्रैटेजिक फोर्स कमांड करता है. साथ ही, इसके ऊपर एक हेलिकॉप्टर के तैनात होने की व्यवस्था भी है.