Kuno National Park: मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में लगातार हो रही चीतों की मौत को लेकर बड़ी वजह सामने आई है. एक्सपर्ट्स के मुताबिक चीतों की मौत उनके गले में बंधे रेडियो कॉलर (Radio collar) की वजह से हो रही है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक रेडियो कॉलर की वजह से चीते सेप्टीसीमिया का शिकार हो रहें हैं और चीतों की मौत की वजह रेडियो कॉलर हो सकती है. अब इन दावों पर सरकार का बयान भी सामने आया है. सरकारी विभाग के अनुसार चीतों की मौत का कारण रेडियो कॉलर से होना महज अटकलों और अफवाहों पर आधारित है.
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बता दें सेप्टीसीमिया (septicemia) एक भीषण ब्लड इन्फेक्शन (blood infection) है. इस इन्फेक्शन में खून टॉक्सिक बनने लगता है. दरअसल जानवरों के शरीर में लगातार नमी बने रहने की वजह से संक्रमण होने लगता है और ये आगे चलकर सेप्टीसीमिया का रूप ले लेता है. एक्सपर्ट्स के मुताबिक कूनो में तेजस और सूरज चीतों को इसी रेडियो कॉलर की वजह से सेप्टीसीमिया हुआ जो उनकी मौत का कारण बना.
उधर इस पूरे मामले पर केंद्र सरकार की तरफ से बयान आया है कि भारत में चीतों के पुनर्वास के लिए 'प्रोजेक्ट टाइगर' की शुरुआत की गई थी. इस कड़ी में नामीबिया और दक्षिण अफ्रीका से मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में 20 रेडियो कॉलर वाले चीते को लाया गया. उन्हें क्वारंटीन के बाद बड़े बाड़े में अनुकूल वातावरण में शिफ्ट किया गया था. इन सभी चीतों को 24 घंटे की निगरानी में रखा गया था. लेकिन इतने बड़े प्रोजेक्ट में उतार-चढ़ाव आना तय है.