लखीमपुर हिंसा (Lakhimpur Kheri) मामले में मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा की जमानत पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) को कड़ी फटकार लगाई है. देश की सबसे बड़ी अदालत ने कहा कि इस मामले में हाईकोर्ट ने गवाहों के बयानों की अनदेखी की है. टॉप कोर्ट ने पूछा कि हत्या के ऐसे मामले में जमानत क्यों मिलनी चाहिए?
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सुनवाई के बाद कोर्ट ने आशीष मिश्रा (Ashish Mishra) की बेल (Bail) रद्द करने पर फैसला सुरक्षित रखते हुए पूछा कि चार्जशीट के आधार पर जमानत कैसे दी गई. सुनवाई के दौरान मृतक किसानों के परिवारों की तरफ से पेश वकील दुष्यंत दवे ने कहा कि हाईकोर्ट ने आशीष मिश्रा को जमानत देने में कई तथ्यों पर ध्यान नहीं दिया.
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इस मामले में पीड़ितों के परिजन आशीष मिश्रा की बेल रद्द करने की मांग पर अड़े हैं. बता दें कि आशीष मिश्रा को इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने 10 मार्च को जमानत दे दी थी. लखनऊ बेंच के इस फैसले के खिलाफ कुछ पीड़ितों ने टॉप कोर्ट का दरवाजा खटखटाया और आशीष मिश्रा की जमानत रद्द करने की मांग की. उनका आरोप था कि आशीष मिश्रा को जमानत मिलने के बाद 10 मार्च को ही एक गवाह पर हमला हुआ और हमलावरों ने उसे धमकाया.