बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी जमीन के बदले नौकरी के कथित घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले में पूछताछ के लिए ED के सामने पेश हुईं. राबड़ी देवी सुबह 11 बजे ईडी के दफतर पहुंचीं और कहा जा रहा है कि उनसे 5 घंटे तक पूछताछ की गई. ED ने इस मामले में पिछले कुछ महिनों में राबड़ी देवी के बेटे और बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव और सांसद बेटी मीसा भारती तथा चंदा यादव और रागिनी यादव से पूछताछ की है.
एजेंसी ने इस वर्ष मार्च में चंदा यादव, रागिनी यादव, हेमा यादव और राजद के पूर्व विधायक अबु दोजाना के ठिकानों पर पटना, फुलवारी शरीफ, दिल्ली-एनसीआर, रांची तथा मुंबई में छापे मारे थे. ईडी ने दावा किया था कि उसने एक करोड़ रुपये की बेहिसाब नकदी जब्त की है तथा अपराध से अर्जित 600 करोड़ रुपये की आय का पता लगाया है.
दरअसल यह कथित घोटाला उस वक्त हुआ था जब लालू प्रसाद यादव UPA सरकार में रेल मंत्री थे. मनी लॉन्ड्रिंग का यह मामला CBI की प्राथमिकी पर आधारित है.
एजेंसियों का आरोप है कि 2004-09 की अवधि के दौरान भारतीय रेलवे के अलग-अलग जोन में ग्रुप D के पदों पर विभिन्न व्यक्तियों को नियुक्त किया गया और इसके बदले संबंधित व्यक्तियों ने अपनी जमीन लालू प्रसाद के परिवार के सदस्यों को ट्रांसफर की थी.
सीबीआई ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया है कि नियुक्तियों के लिए कोई विज्ञापन या सार्वनजिक सूचना जारी नहीं की गई थी तथा पटना के कुछ निवासियों को मुंबई, जबलपुर, कोलकाता, जयपुर और हाजीपुर स्थित अलग-अलग जोनल रेलवे में नियुक्त किया गया.
तेजस्वी यादव ने इन आरोपों से इनकार किया है और कहा कि रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव के पास लाभ के बदले नौकरी देने के कोई अधिकार नहीं थे.