प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत का इतिहास वीरता का रहा है, लेकिन दुर्भाग्य से आजादी के बाद भी वह इतिहास पढ़ाया जाता रहा जो गुलामी के कालखंड साजिशन रचा गया था. बीजेपी देश के अलग-अलग हिस्सों से उन भूले-बिसरे वीरों का नाम आगे बढ़ा रही है, जिसे शायद इतिहास के किताबों में भूला दिया गया हो. राजस्थान से आंध्र तक, उत्तर प्रदेश से कर्नाटक तक भारतीय जनता पार्टी यह बताने की कोशिश कर रही है कि पिछली सरकारों नें इतिहास के दस्तावेजों में सैकड़ों नाम दर्ज नहीं होने दिए.
- 24 नवंबर 1622 को पैदा हुए थे लासित बोरफुकान
- अहोम साम्राज्य के सेनापति थे लासित बोरफुकान
- साल 1671: सराईघाट के युद्ध में उन्होंने दिखाई वीरता
- इस युद्ध में औरंगजेब की सेना को भयानक शिकस्त दी
- 250 सालों तक मुगल पूर्वोत्तर की ओर आना ही भूल गए
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- बहराइच: 1000 साल पहले सैयद सालार मसूद गाजी को पटका
- आक्रांता महमूद गजनवी के भतीजे सालार को मार डाला था
- सुहेलदेव के शौर्य को बार बार लोगों को बताती है BJP
- 2021: PM ने बहराइच में सुहेलदेव मेमोरियल की आधारशिला रखी
- राजस्थान के बांसवाड़ा में मानगढ़ धाम का उद्घाटन
- ये जगह भील स्वतंत्रता सेनानी गोविंद गुरु से जुड़ी
- 17 नवंबर 1913: 1.5 लाख भीलों ने जनसभा आयोजित की थी
- अंग्रेजों ने चलाई थी गोलियां, 1500 आदिवासी हुए थे बलिदान
- PM मोदी ने इसे राष्ट्रीय स्मारक घोषित किया
- केम्पेगोड़ा ने 1537 में बेंगलुरु की स्थापना की थी
- PM ने 108 फीट की ऊंची प्रतिमा का अनावरण किया
- केम्पेगोड़ा भविष्यद्रष्टा थे, जनकल्याण को सर्वोपरि रखा: मोदी
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राजू ने आंध्र प्रदेश में मान्यम विद्रोह का नेतृत्व किया था
1922 से 1924: अंग्रेजों के खिलाफ सशस्त्र प्रतिरोध था
यहां आकर सम्मानित महसूस कर रहा हूं: मोदी