माफिया अतीक अहमद (Atiq Ahmad) के बेटे असद (Asad) का एनकाउंटर काफी चर्चा में है और इस हाईप्रोफाइल एनकाउंटर (Encounter) के बाद से ही सवाल उठने लगे हैं कि आखिर हमारे देश में इसके लिए कायदे-कानून क्या हैं ?
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वैसे चौकाने वाली बात ये है कि भारत में कानून व्यवस्था की किताब आईपीसी और सीआरपीसी में कहीं भी एनकाउंटर शब्द का कोई जिक्र नहीं है. हालांकि सुप्रीम कोर्ट और मानवाधिकार आयोग ने इस संबंध में दिशा-निर्देश जारी किए हुए हैं जिसमें कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस को कुछ अधिकार दिए गए हैं...आईए जानते हैं क्या है SC के दिशा-निर्देश.
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Header- एनकाउंटर पर सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन
GFX:
खुफिया जानकारी मिलने पर एक्शन लेने से पहले पुलिस इसे ऑनलाइन दर्ज करे
एनकाउंटर हो भी जाए तो पूरे मामले की मजिस्ट्रेट जांच होनी चाहिए
एनकाउंटर के बाद पूरी रिपोर्ट स्थानीय कोर्ट के साथ लिखित में साझा करें
कोई शख्स गलती से पुलिस कार्रवाई में मारा जाए तो पुलिस पर FIR दर्ज हो
FIR दर्ज हो जाने के बाद घटना की स्वतंत्र जांच की जानी चाहिए