G20 Summit: भारत में हो रहे 18वें जी-20 शिखर सम्मेलन की तैयारी लगभग पूरी हो चुकी है. विदेशी मेहमानों के लिए राजधानी दिल्ली को दुल्हन की तरह सजाया गया है. तो वहीं सुरक्षा को लेकर खास इंतजाम हैं. भारत जी-20 शिखर सम्मेलन के जरिए पूरी दुनिया को अपनी समृद्धि और संभावनाएं दिखाना चाहता है. पीएम मोदी ने भी कहा है कि भारत जल्द विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होगा और 2047 तक भारत विकसित राष्ट्र की श्रेणी में खड़ा होगा.
दुनिया के 20 सबसे शक्तिशाली देशों के राष्ट्राध्यक्ष और प्रतिनिधि इसमें हिस्सा ले रहे हैं. इन देशों के पास ग्लोबल इकोनॉमी में 80 फीसदी से ज्यादा की हिस्सेदारी है. इसके अलावा G-20 देशों में दुनिया का कुल 85 प्रतिशत प्रोडक्शन और अंतरराष्ट्रीय व्यापार में समूह देशों की हिस्सेदारी 75 फीसदी है.
चलिए अब आपको बताते हैं कि- कौन-कौन से नेता जी-20 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए भारत आ रहे हैं और कौन नहीं ?
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ये नेता आ रहे भारत
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन जी20 शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए 7 सितंबर को भारत आ जाएंगे. इस बात की जानकारी खुद व्हाइट हाउस ने दी है. व्हाइट हाउस की तरफ से दी गई जानकारी के अनुसार, दो दिवसीय शिखर सम्मेलन से पहले वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ द्विपक्षीय बैठकें भी करेंगे. भारतीय मूल केब्रिटिश प्रधानमंत्री ऋषि सुनक भी जी20 शिखर सम्मेलन में भाग लेने दिल्ली आ रहे हैं. वह समिट में भाग लेने के लिए कार्यभार संभालने के बाद भारत की अपनी पहली आधिकारिक यात्रा करेंगे. जापान के प्रधान मंत्री फुमियो किशिदा, कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो, ऑस्ट्रेलिया के PM एंथोनी अल्बानीज़, दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति युन सौक यौल, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों, दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा, तुर्किए के राष्ट्रपति तैय्यप एर्दोगन, जर्मन चांसलर ओलाफ शोल्ज़. ये वो नेता हैं, जिन्होंने भारत आने की पुष्टि कर दी है.
ये नेता नहीं आ रहे भारत
चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग भले ही भारत में हो रहे जी20 शिखर सम्मेलन में भाग नहीं लेंगे, लेकिन उनकी जगह चीन के प्रधानमंत्री ली क्यांग मौजूद रहेंगे. बता दें कि यह पहली बार होगा कि 2008 में पहले आयोजन के बाद से कोई चीनी राष्ट्रपति जी20 नेताओं के शिखर सम्मेलन में शामिल नहीं हो रहा है. वहीं, रूस-यूक्रेन युद्ध की वजह से लंबे वक्त से जूझ रहे रूसी राष्ट्रपति पुतिन भी जी-20 समिट का हिस्सा नहीं होंगे. उनकी जगह अन्य प्रतिनिधि आकर रूस का प्रतिनिधित्व करेगा.