दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi HC) ने मंगलवार को आठ महीने की प्रेगनेंट महिला को अबॉर्शन (Abortion) की अनुमति दी है. दरअसल, 26 वर्षीय विवाहित महिला ने भ्रूण में मस्तिष्क संबंधी असामान्यताओं के चलते कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. इस मामले पर सुनवाई करते हुए जस्टिस प्रतिभा एम सिंह ने कहा कि ऐसे मामलो में अंतिम निर्णय में मां की पसंद के साथ ही अजन्मे बच्चे के गरिमापूर्ण जीवन की संभावनाओं को मान्यता मिलनी चाहिए और गर्भावस्था के मेडिकल टर्मिनेशन की परमिशन (Permission) दी जानी चाहिए.
कोर्ट ने कहा कि अबॉर्शन से पहले, याचिकाकर्ताओं की भी सहमति लेना जरूरी होगी कि वो इस प्रोसेस को अपने रिस्क पर कराएंगे. बता दें कि अबॉर्शन के लिए पहले दंपति जीटीबी अस्पताल (GTB Hospital) पहुंचे थे जहां उन्हें इस मामले में ज्यूडिशियल इंटरफेरेंस की आवश्यकता बताते हुए वापस भेज दिया गया.