Ahmedabad Blast Case में 38 को फांसी.. इससे पहले एक केस में अधिकतम कितनों को मिली थी ये सजा

Updated : Feb 18, 2022 21:09
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Editorji News Desk

अहमदाबाद में जुलाई 2008 को हुए सीरियल ब्लास्ट केस (Ahmedabad Blast Case) में विशेष अदालत ने गुरुवार को 38 दोषियों को फांसी की सजा सुनाई. भारत के इतिहास में ये पहला मौका है जब कोर्ट ने एक केस में सबसे ज्यादा लोगों को फांसी की सजा सुनाई है. इससे पहले अदालत ने साल 2012 के निर्भया गैंगरेप (Nirbhaya Gang Rape) मामले में चार दोषियों को फांसी की सजा सुनाई थी. इन दोषियों को 2020 में फांसी के फंदे पर लटकाया गया था.

हालांकि अहमदाबाद ब्लास्ट केस में जिन 38 दोषियों को फांसी की सजा सुनाई गई, उनके पास अब भी राहत पाने के कई मौके हैं. वे सुप्रीम कोर्ट, राज्यपाल और राष्ट्रपति के सामने याचिका दायर कर सकते हैं. 8 फरवरी को इन सभी को स्पेशल कोर्ट ने दोषी ठहराया था. भारत में किसी को फांसी की सजा रेयरेस्ट ऑफ रेयर केस या सिद्धांत के तहत सुनाई जाती है. रेयरेस्ट ऑफ रेयर सिद्धांत का जिक्र सबसे पहले 1980 में बच्चन सिंह बनाम स्टेट ऑफ पंजाब केस में किया गया था.

रेयरेस्ट ऑफ रेयर का मतलब ऐसा अपराध है जो काफी क्रूरता या निर्दयता के साथ किया गया हो. बता दें कि 26 जुलाई 2008 को अहमदाबाद में 70 मिनट में 21 बम धमाके हुए थे. इन धमाकों में 56 लोगों की मौत हो हई थी और 200 से ज्यादा घायल हुए थे

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