राजस्थान के अलवर में मंदिर तोड़े (Alwar Temple Demolition) जाने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. इसी कड़ी में अलवर में मंदिर तोड़े जाने के विरोध में बीजेपी और हिंदूवादी संगठनों ने आक्रोश रैली (Aakrosh rally) निकाली. इस रैली में सैंकड़ों साधु संतों समेत अलवर से बीजेपी सांसद महंत बालकनाथ भी शामिल हुए. रैली के दौरान बीजेपी कार्यकर्ताओं (BJP leaders) को पुलिस ने बैरिकेडिंग कर रोकने का प्रयास किया लेकिन प्रदर्शन कर रहे लोग जय श्री राम के नारे लगाते रहे. ये आक्रोश रैली शहीद स्मारक से कलेक्ट्रेट तक निकाली गई. कलेक्ट्रेट के बाहर भी जमकर हंगामा हुआ.
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रैली में शामिल बीजेपी कार्यकर्ताओं का कहना था कि 300 साल पुराना मंदिर अतिक्रमण (Encroachment) कैसे हो सकता है. बीजेपी ने आरोप लगाया कि गहलोत सरकार बचाव के बहाने ढूंढने में लगी है. मध्य प्रदेश के कैबिनेट मंत्री विश्वास सारंग ने राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत पर मंदिर तोड़ने का आरोप लगाते हुए कहा कि वो औरंगजेब हैं जो हिंदुओं के मंदिरों पर बुलडोजर चलवा रहे हैं. बीजेपी नेता कैलाश विजयवर्गीय ने कांग्रेस पर तुष्टिकरण की राजनीति का आरोप लगाते हुए कहा कि एक विशेष वर्ग को संरक्षण देकर अराजकता का माहौल बनाया जा रहा है. विजयवर्गीय बोले कि वो मुगल मानसिकता का विरोध करेंगे.
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बीजेपी के आरोपों पर पलटवार करते हुए गहलोत सरकार के मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा कि बीजेपी नाटक कर रही है क्योंकि राजगढ़ के नगर निगम ने ही मंदिर पर कार्रवाई के आदेश दिए. बकौल प्रताप सिंह बीजेपी चेयरमैन ने ही बैठक में मंदिर और दुकानों पर हुई कार्रवाई का प्रस्ताव रखा था. खाचरियावास बोले कि बीजेपी को इस कार्रवाई के लिए जनता से माफी मांगनी चाहिए.
मालूम हो कि 17 अप्रैल को अलवर जिले के नगरपालिका प्रशासन ने नगरीय मास्टर प्लान के तहत 35 अतिक्रमण हटाए थे जिसमें 300 साल पुराने मंदिर पर भी बुलडोजर चलाया गया गया था. इस दौरान कई मूर्तियों को खंडित भी किया गया था. मंदिर तोड़े जाने के बाद से ही इस मुद्दे पर राजनीतिक दल एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे हैं.
मंदिर तोड़े जाने के मामले में राजस्थान सरकार ने बीते सोमवार राजगढ़ के SDM केशव मीणा और नगर पालिका के एग्जिक्यूटिव ऑफिसर बनवारी लाल मीणा को सस्पेंड किया था. राजगढ़ बोर्ड के अध्यक्ष सतीश दुहरिया भी इस मामले में सस्पेंड किए गए थे.