बादल फटना (cloudburst) यानी एक जगह पर अचानक एक साथ भारी बारिश होना. ऐसे अक्सर पहाड़ों (mountains) पर होता है. इसे ऐसे भी समझा जा सकता है कि पानी से भरे किसी गुब्बारे को फोड़ दिया जाए तो सारा पानी एक ही जगह तेजी से नीचे गिरने लगता है ठीक वैसे ही बादल फटने से पानी से भरे बादल की बूंदें तेजी से अचानक जमीन पर गिरती हैं. ऐसे बादलों को प्रेग्नेंट बादल भी कहा जाता है. अमरनाथ गुफा के पास (Holy Amarnath Cave) बादल फटने की घटना का मौसम वैज्ञानिकों ने विश्लेषण किया है. मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक
1. दक्षिण कश्मीर में अमरनाथ गुफा मंदिर के पास मौतें और विनाश की वजह स्थानीय स्तर पर होने वाली अत्यधिक बारिश है.
2. शुक्रवार को शाम साढ़े 4 बजे से शाम साढ़े 6 बजे के बीच मंदिर में 31 मिमी बारिश दर्ज की गई.
3. यह केवल पवित्र गुफा के ऊपर एक अत्यधिक स्थानीयकृत बादल था.
इस साल की शुरुआत में भी ऐसी बारिश हुई थी. कोई अचानक बाढ़ नहीं आई. वैज्ञानिकों के विश्लेषण में ये भी बात सामने आई है कि अमरनाथ गुफा मंदिर के ऊपर के क्षेत्र में शाम 5.30 बजे से शाम 6.30 बजे के बीच 28 मिमी बारिश हुई। वैज्ञानिकों का मानना है कि अमरनाथ गुफा मंदिर के पास पहाड़ के ऊंचे इलाकों में भीषण बारिश की आशंका अभी भी बनी हुई है यानी खतरा अभी टला नहीं है.
अमरनाथ गुफा के पास शुक्रवार की शाम को बादल फटने की वजह से कम से कम 15 लोगों की मौत हो गई. हादसे के समय गुफा के आसपास दस हजार के आसपास लोग मौजूद थे. बादल फटने की सूचना के बाद रेस्क्यू टीमें तत्काल मौके पर पहुंचकर लोगों को बाहर निकालने लगी. हादसे का शिकार सबसे अधिक महिलाएं हुई हैं.