Madhya Pradesh Food Scam : बिहार में 90 के दशक में हुए चारा घोटाले की तर्ज पर अब मध्य प्रदेश में राशन घोटाला (MP food scam) सामने आया है. MP के ऑडिटर जनरल (auditor general of MP) की एक रिपोर्ट में हुए खुलासे के मुताबिक यहां राशन वितरण (Ration distribution) में जिन परिवहन का इस्तेमाल किया गया, जांच के दौरान वे ऑटो और बाइक के नंबर (Bike-auto number) पाए गए. रिपोर्ट की मानें तो करीब 110.83 करोड़ रुपए का पोषण आहार (Rs 110.83 crore nutritional diet) तो सिर्फ कागजों में ही बंट गया. पूरे मामले के खुलासे के बाद अब जांच के आदेश दिए गए हैं.
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राशन वितरण में सामने आई बड़ी गड़बड़ी
रिपोर्ट के मुताबिक करीब 1100 टन के पोषण आहार की ढुलाई की गई, लेकिन इसके लिए जिन वाहनों का इस्तेमाल किया गया. वह बाइक और स्कूटर के हैं. इतना ही नहीं इस फर्जीवाड़े के लिए अफसरों ने कंपनियों को बकायदा 7 करोड़ रुपये दे भी दिए. इस तरह पोषण आहार के नाम पर करीब 111 करोड़ रुपये के घोटाले को अंजाम दिया गया.
पोषण स्तर में सुधार हेतु शुरू की थी टेक होम राशन सुविधा
बता दें कि मध्यप्रदेश सरकार बच्चों और महिलाओं में पोषण की कमी दूर करने के उद्देश्य से पोषण आहार योजना के तहत टेक होम राशन (MP take home ration scheme) की शुरुआत की थी. साल 2018 से 2021 के दौरान 2393 करोड़ रुपये का 4.05 मीट्रिक टन राशन लाभार्थियों को बांटा गया. इस मामले के खुलासे के बाद विपक्ष ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. बता दें कि बिहार में भी चारा घोटाले को भी कुछ इसी तरह अंजाम दिया गया था.