पतंजलि विज्ञापन मामले में मंगलवार को योग गुरु रामदेव (Baba Ramdev), पतंजलि आयुर्वेद (Patanjali Ayurved) के प्रबंध निदेशक (एमडी) आचार्य बालकृष्ण सुप्रीम कोर्ट में पेश हुए. मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने रामदेव और बालकृष्ण के प्रति नाराजगी जताई. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अदालत के आदेशों को हल्के में नहीं लिया जा सकता. आपके खेद जताने के तरीके को हम मंजूर नहीं कर सकते.
21 नवंबर के कोर्ट के आदेश के बाद भी अगले दिन प्रेस कांफ्रेंस की गई. सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही थी और पतंजलि विज्ञापन छापे जा रहे थे. इस पर रामदेव के वकील ने कहा कि भविष्य में ऐसा नहीं होगा. पहले जो गलती हो गई, उसके लिए माफी मांगते हैं.
न्यायमूर्ति हिमा कोहली और न्यायमूर्ति अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की पीठ ने मंगलवार को कहा, ‘‘केवल उच्चतम न्यायालय ही नहीं, इस देश की सभी अदालतों द्वारा पारित हर आदेश का सम्मान किया जाना चाहिए... यह पूरी तरह से अवज्ञा है.’’
पीठ ने अदालत में व्यक्तिगत रूप से पेश हुए रामदेव और बालकृष्ण से कहा,‘‘आपको न्यायालय में दिए गए वचन का पालन करना होगा, आपने हर सीमा तोड़ी है.’’ अदालत ने इस बात पर हैरत जताई कि जब ‘‘पतंजलि कंपनी पूरे जोर-शोर से यह कह रही थी कि एलोपैथी में कोविड का कोई इलाज नहीं है तब केंद्र ने अपनी आंखें बंद क्यों रखी.’’
रामदेव और बालकृष्ण के वकील ने कहा कि दोनों आगे आकर व्यक्तिगत रूप से माफी मांगने को तैयार हैं. इसके बाद रामदेव और बालकृ्ष्ण अदालत में आगे आए. रामदेव ने कहा, "हम सुप्रीम कोर्ट से हाथ जोड़ कर माफी मांग रहे हैं." सुप्रीम कोर्ट ने बाबा रामदेव से कहा, "आप चाहे जितने ऊंचे हों, कानून आपसे ऊपर है. कानून की महिमा सबसे ऊपर है."
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