Delhi News: दिल्ली सरकार ने नई शराब नीति को एक महीने के लिए बढ़ा दिया है. केजरीवाल सरकार इसका आदेश जारी कर कहा है कि 31 अगस्त 2022 तक शराब के निजी ठेके खुल सकेंगे. वहीं उपराज्यपाल ने भी केजरीवाल सरकार के नई शराब नीति को एक महीने के लिए मंजूरी दे दी है. एलजी वी.के. सक्सेना ने कहा कि उनके पास मौजूदा आबकारी नीति को बढ़ाने के अलावा कोई अन्य विकल्प नहीं है. उपराज्यपाल ने कहा कि उनके पास मौजूदा खुदरा (L7Z/L7V) लाइसेंस और थोक (L1 लाइसेंस) के कार्यकाल को बढ़ाने और स्टॉक क्लीयरेंस के लिए 31/08/2022 तक विस्तार के कैबिनेट के प्रस्ताव से सहमत होने के अलावा कोई अन्य विकल्प नहीं है, जिसका लाइसेंस 31 जुलाई, 2022 को समाप्त हो गया है. आपको बता दें कि दिल्ली सरकार की नई शराब नीति 31 जुलाई 2022 को समाप्त हो जानी थी लेकिन इसे अब 31 अगस्त 2022 तक के लिए बढ़ा दिया गया है. दिल्ली में करीब 468 निजी शराब दुकानदारों की दुकानें 31 जुलाई को बंद होनेवाली थी क्योंकि उनका लाइसेंस रविवार तक की ही थी.
गौरतलब है कि दिल्ली में शराब को लेकर जंग चल रही है. एक तरफ विपक्ष केजरीवाल सरकार की नई शराब नीति को लेकर सरकार पर हमलावर है वहीं उपराज्यपाल विजय कुमार सक्सेना ने इस नीति की जांच सीबीआई से कराने का फैसला किया. इसके बाद शनिवार को दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने नई शराब नीति को वापस लेने का ऐलान किया था यानी अगर केजरीवाल सरकार आज नई शराब नीति को दो महीने बढ़ाने का फैसला नहीं लेती तो दिल्ली में 1 अगस्त से पुरानी शराब नीति लागू हो जाती. सरकार को अंदेशा था कि इससे राज्य में शराब की किल्लत बढ़ेगी और शराब की कालाबाजारी बढ़ जाएगी.
दिल्ली सरकार की शराब नीति की सीबीआई जांच होगी, लेफ्टिनेंट गवर्नर ने सीबीआई जांच के आदेश दे दिए हैं. दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया जांच के घेरे में आ सकते हैं. चीफ सेक्रेटरी की रिपोर्ट में अनियमितता की बात सामने आने पर सीबीआई जांच का आदेश दिया गया था. चीफ सेक्रेटरी की रिपोर्ट में शराब माफिया को 144 करोड़ का फायदा पहुंचाने का जिक्र था. दरअसल, दिल्ली सरकार ने आबकारी नीति 2022-23 की अनुमति में देरी को लेकर मौजूदा खुदरा शराब की दुकानों की लाइसेंस अवधि अगले दो महीनों के लिए बढ़ा दी थी. इसमें दूसरे लाइसेंस के अलावा शराब की होम डिलीवरी भी शामिल थी. दिल्ली कैबिनेट ने 5 मई को हुई अपनी बैठक में आबकारी नीति 2022-23 को मंजूरी दी थी.