राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के कर्मभूमी कही जाने वाली बिहार के चंपारण में देश को शार्मसार करने वाली घटना को अंजाम दिया गया है. इलाके के ही कुछ शरारती तत्वों ने बापू की मूर्ति को तोड़ गिराया. बताया जा रहा है कि रविवार की रात चरखा पार्क में लगी महात्मा गांधी की मूर्ति तोड़कर जमीन पर फेंक दी गई. जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है. वहीं पुलिस का कहना है कि वह मामले की जांच कर रही है.
उधर, शहर के डीएम शीर्षत कपिल अशोक ने कहा कि महान लोग अपने आदर्शों के रूप में जिंदा रहते हैं. ऐसी हरकत से सच्चाई के लिए लड़ने वाले बापू की महानता कम नहीं की जा सकती है. प्रशासन ने इस मामले में तोड़फोड़ करने वालों पर उचित कार्रवाई करने की बात कही है.
बता दें कि चंपारण के चरखा पार्क में बापू की मूर्ति उनकी याद में लगाई गई थी. बताया जाता है कि गांधी जी अफ्रीका से लौटने के बाद अपने देश को करीब से जानने के लिए देशाटन पर निकले थे. इसी कड़ी में राज कुमार शुक्ला के निमंत्रण पर वे 10 अप्रैल 1917 को बिहार के चंपारण पहुंचे. उस समय अंग्रेजों के नियम-कानून के चलते किसानों को खाद्यान्न की बजाय अपनी जोत के एक हिस्से पर मजबूरन नील की खेती करनी होती था.
सत्याग्रह के अपने प्रयोग से गुजर रहे गांधी जी ने इसी दम पर चंपारण में कानून बनवाकर सभी गलत प्रथाओं को समाप्त किया. यानी कहा जा सकता है कि गांधीजी ने यहीं से पहली विजय का शंखनाद किया था.