बिहार (Bihar) के 23 लाख रुपये वापस करने वाले प्रोफेसर साहब के मामले में एक नया मोड़ सामने आया है. खबर ये है कि अब प्रोफेसर ललन कुमार (lalan kumar) बयान से पलट गए हैं. उनका कहना है कि ट्रांसफर न होने से दुखी होकर नाराजगी में ऐसा बयान दिया था. कॉलेज में छात्रों की अनुपस्थिति की बात भी गलत है. हैरानी की बात यह है कि 23 लाख का चेक काटने वाले ललन कुमार के बैंक अकाउंट में 970 रु बैलेंस है.
इसके लिए उन्होंने कुलपति सचिव और प्राचार्य को लिखित आवेदन दिया है, जिसमें स्पष्ट लिखा है कि 6 बार आवेदन दिया था, लेकिन अब तक उस पर कोई सुनवाई नहीं हुई, इसलिए दुखी था. आवेदन में लिखा है कि कुछ निर्णय करने की स्थिति में नहीं था. भावनाओं को नियंत्रित नहीं कर सका और भावावेश में आकर आवेदन के साथ अपने समूचे वेतन की राशि का चेक प्रस्तुत किया. वरिष्ठ लोगों द्वारा समझाने पर समझ में आ गया कि मुझे ऐसा नहीं करना चाहिए था.
वहीं, इस पूरे मामले पर नीतीश्वर कॉलेज के प्राचार्य डॉक्टर मनोज कुमार ने कहा कि कॉलेज में छात्र नहीं आने की बात बिलकुल गलत है. उन्होंने ट्रांसफर को लेकर इस तरह की बात कही है, लिखित रूप से स्वीकार किया है. अब विश्वविद्यालय अपने स्तर से मामले को देख रहा है. इस तरह का कार्य सही नहीं है. वहीं उस कॉलेज के हिंदी पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं ने भी बताया कि रेगुलर हिंदी की पढ़ाई होती है. ऑनलाइन क्लास तो वो खुद कराते थे. पता नहीं ऐसा उन्होंने क्यों कहा.
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