RRB NTPC के 14 जनवरी को आए रिजल्ट के बाद छात्रों की निराशा अब आक्रोश में बदल गई है. परीक्षा में धांधली का आरोप लगाकर अभ्यर्थियों का विरोध प्रदर्शन बुधवार को भी जारी रहा. कई जगह पर छात्रों ने ट्रेनों में आग लगा दी. इससे पहले भी बिहार और उत्तर प्रदेश के कई शहरों में बवाल देखने को मिला. पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे और फायरिंग भी की. रेल मंत्रालय ने मंगलवार को कहा था कि रिजल्ट को लेकर हंगामा करने वाले छात्रों की पहचान वीडियो रिकॉर्डिंग से की जाएगी और उन्हें कभी भी रेलवे में नौकरी नहीं दी जाएगी.
क्या है इस विरोध प्रदर्शन की वजह?
छात्रों के अनुसार RRB-NTPC की परीक्षा परिणाम में धांधली की गई है. छात्रों का आरोप है कि कम अंक वाले छात्रों को पास करा दिया गया है, जबकि अधिक नंबर लाने वाले छात्र फेल कर दिए गए. RRB ने 2019 में NTPC का 35000 पदों पर बहाली निकाला था और उसकी परीक्षा सितंबर 2021 में लिया था. अब जब रिजल्ट जारी किया है तो उसमें 20 गुना की जगह 11 गुना छात्रों का रिजल्ट जारी किया है. जिसके कारण 3.80 लाख छात्र वंचित रह गये. दरअसल छात्रों का कहना है कि एक ही छात्रों का 6 पदों पर रिजल्ट घोषित किया गया है, जबकि छात्र एक ही पद पर बहाल हो सकता है. इस तरह इस बहाली में भी सीट खाली रह जायेगी.
किन पदों के लिए निकली थी वैकेंसी?
रेलवे ने लंबे समय के बाद 2019 में NTPC की वैकेंसी निकाली थी. कुल 13 कैटेगरी के लिए 35281 पदों के लिए ये वैकेंसी थी, जिसमें स्टेशन मास्टर, गार्ड, TTE आदि पदों के लिए नियुक्ति होनी थी. करीब एक करोड़ 40 लाख छात्रों ने इसका फॉर्म भरा था. इतने छात्रों की परीक्षा 57 सीटिंग में ली गई. दिसंबर 2020 से शुरू हुई परीक्षा 31 जुलाई 2021 तक चली.
छात्रों की क्या है मांग?
रेलवे अपना परीक्षा कैलेंडर जारी करें
नॉर्मलाइजेशन की प्रक्रिया को भी पारदर्शी बनाएं
रेलवे ग्रुप-डी की परीक्षा एक ही चरण में लिया जाये
रेलवे की दलील
छात्रों को किया जा रहा है गुमराह
एक बार में परीक्षा लेना कठिन
इस वजह से दो लेवल किया गया
जो शिकायतें हैं उसे गंभीरता से देखेंगे
कोई भी छात्र कानून को हाथ में न ले