शुक्रवार को इसरो में ट्वीट कर जानकारी दी कि लैंडिंग के वक्त चंद्रयान-3 के लैंडर ने लूनर मटेरियल का शानदार 'इजेक्टा हेलो' उत्पन्न किया था. इसको आम भाषा में बोले तो लैंडर जब चांद की सतह पर उतरा, तो उसने करीब 2.06 टन लूनर एपिरेगोलिथ यानी चंद्रमा की धूल को उड़ाया था. इससे वहां एक शानदार इजेक्टा हेलो यानी चमकदार आभामंडल बन गया. इसरो के वैज्ञानिकों का अनुमान है कि लैंडर ने लैंडिंग करते समय 2.06 टन चंद्रमा की मिट्टी को 108.4 वर्ग मीटर के क्षेत्र में विस्थापित किया था.
इसरो अध्यक्ष एस सोमनाथ के अनुसार चंद्रयान-3 स्लीपिंग मोड में है. लेकिन इसके फिर से एक्टिव होने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता. उन्होंने बताया था कि चंद्रयान 3 का उद्देश्य सॉफ्ट लैंडिंग था. 14 दिन तक Vikram Lander और Pragyan Rover ने डेटा भेजा. इसके एकत्र कर लिया गया है. सोमनाथ ने कहा था कि चंद्रयान 3 का उद्देश्य पूरा हो गया.