Chhawla Gang Rape Case: राजधानी दिल्ली के छावला इलाके में 19 साल की लड़की के साथ गैंगरेप के मामले 3 आरोपियों को सुप्रीम कोर्ट (Suprme Court) ने बरी कर दिया है. इस मामले में पहले दिल्ली की निचली अदालत और फिर दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) ने दोषियों को मौत की सजा सुनाई थी. यह घटना साल 2012 की है.
जस्टिस यू यू ललित ( Justice UU Lalit), एस रविन्द्र भट्ट और बेला एम त्रिवेदी की बेंच ने दोषियों की अपील पर इस साल 6 अप्रैल को फैसला सुरक्षित रखा था. सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार की तरफ से एडिशनल सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी ने फांसी की सजा की पुष्टि की मांग की थी.
क्या थी पूरी घटना
मूल रूप से उत्तराखंड के पौड़ी की रहने वाली 'अनामिका' (केस को दौरान लियाा गया नाम) दिल्ली के छावला के कुतुब विहार में रहती थी. 9 फरवरी 2012 की रात नौकरी से लौटते समय राहुल, रवि और विनोद नाम के आरोपियों ने अगवा कर लिया था. 14 फरवरी को 'अनामिका' की लाश बहुत बुरी हालत में हरियाणा के रेवाड़ी के एक खेत में मिली थी.
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बता दें कि गैंगरेप के अलावा 'अनामिका' को असहनीय यातनाएं दी गई थीं. उसे कार में मौजूद औजारों से बुरी तरह पीटा गया था. साथ ही शरीर को सिगरेट और गर्म लोहे से दागा दिया गया था. यही नहीं गैंगरेप के बाद 'अनामिका' के चेहरे और आंख में तेजाब डाला गया था.